दसवीं की स्टेट मेरिट लिस्ट में पहला स्थान प्राप्त करने वालीं कर्णिका मिश्रा ने इस मुकाम को हासिल करने के तरीके बताए। टाइम मैनेजमेंट करके उन्होंने सफलता हासिल की। स्टेट मेरिट लिस्ट में 10वां स्थान प्राप्त करने वालीं त्रिशिखा ने भी अपने अनुभव साझा किए।
मंत्र... परीक्षा के समय घर में शादी थी, पर टाइम मैनेजमेंट से मिली सफलता
कर्णिका मनोज मिश्रा ने 10वीं की राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट में पहला स्थान बनाया है। वे रीमा विद्यामंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सेमराकलां की छात्रा हैं। उनका कहना है कि सफलता की सबसे बड़ी वजह टाइम मैनेजमेंट रहा। रोज कम से कम 6 घंटे पढ़ाई की। स्कूल, कोचिंग के अलावा सेल्फ स्टडी पर ध्यान दिया। परीक्षा शुरू होने के एक सप्ताह पहले 25 फरवरी काे मौसी की शादी थी। 5 दिन पढ़ाई बंद रखी, लेकिन पहले से लगातार रिवीजन करना काम आया। नानी और मौसी के अलावा टीचर्स का योगदान सबसे अहम रहा। अब एमपीपीएससी की तैयारी करूंगी। मां स्वाति मिश्रा प्राइवेट जॉब करती हैं। 2014 में पिता मनोज का देहांत हो गया था। इसके बाद मां पर ही पूरी जिम्मेदारी रही।
ट्विंस... पिता गैस सिलेंडर उठाते हैं, एक बहन टॉप-10 में, दूसरी के 92% अंक
त्रिशिखा अहिरवार ने राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट में 10वां स्थान प्राप्त किया है। त्रिशिखा की जुडवां बहन दीपशिखा भी 10वीं में 400 में से 371 अंक प्राप्त कर (92.75%) फर्स्ट डिविजन पास हुई हैं। त्रिशिखा ने 400 में से 394 अंक प्राप्त किए हैं। दोनों मुस्तफा मेमोरियल हाईस्कूल चांदबड़ में पढ़ती हैं। पिता प्रेम नारायण लालघाटी स्थित गैस एजेंसी में सिलेंडर उठाने का काम करते हैं। उनके दो बेटे भी हैं। वे बताते हैं कि उनको बीएससी की पढ़ाई फर्स्ट ईयर के बाद छोड़नी पड़ी, इसलिए चारों बच्चों को पढ़ा रहे हैं। त्रिशिखा को एयरफोर्स में पायलट और दीपशिखा को आईपीएस अधिकारी बनना है। मां क्रांति देवी गृहिणी हैं।
योजना... निराश न हों
फेल होने वाले ‘रुक जाना नहीं’
हाईस्कूल की परीक्षा में जो विद्यार्थी फेल हो गए हैं, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं हैं। उनके लिए राज्य ओपन स्कूल परिषद की रुक जाना नहीं योजना है। वे इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ओपन स्कूल परिषद के डायरेक्टर पीआर तिवारी का कहना है कि परीक्षा के आवेदन भरने लगे हैं, लेकिन अब हाईस्कूल का रिजल्ट आने के बाद आखिरी तारीख बढ़ाई जाएगी। इससे फेल होने वाले विद्यार्थियों को फायदा मिल सकेगा। जो विद्यार्थी अगले महीने होने वाली परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे, उन्हें दिसंबर में फिर मौका मिलेगा। पिछले साल इस परीक्षा में हाईस्कूल के 45 व हायर सेकंडरी के विभिन्न विषयों के 55 फीसदी छात्र-छात्राएं पास हुए थे। जो विद्यार्थी 3 विषय की परीक्षा देकर 2 में पास हो जाते हैं, उन्हें अगले चरण की परीक्षाओं के दौरान अन्य विषय पास करने की सुविधा मिल जाती है।
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