रतलाम | भारतीय संस्कृति में गुरु का विशिष्ट स्थान है। गुरु के प्रति समर्पण भाव ही शिष्य को प्रगति की ओर ले जाता है। भगवान श्रीराम के जन्म के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ श्री महर्षि श्रृंग ने करवाया था। वे महान तपोनिष्ठ हैं। हमें अपने अतीत पर अहंकार नहीं गौरव करना चाहिए।
यह बात पूर्व उपसंचालक अभियोजन कैलाश व्यास ने कही। वे शनिवार को ब्राह्मण वास स्थित श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ में गुरुपूर्णिमा व महर्षि श्रृंग ऋषि जयंती के उपलक्ष्य में श्री महर्षि श्रृंग का व्यक्तित्व व कृतित्व पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे। अध्यक्षता विद्यापीठ अध्यक्ष कन्हैयालाल तिवारी ने की। विद्यापीठ परामर्शदाता लेहरुलाल व्यास, सचिव मांगीलाल व्यास, सहसचिव सतीश त्रिपाठी, प्रधानाध्यापिका शिल्पा राठौर, जगदीश व्यास, शंकरलाल बोहरा, लोकपाल तिवारी, गौरव त्रिपाठी सहित अन्य मौजूद थे।
घर पर ही करें पूजन
कोरोना के चलते धौंसवास में श्री नित्यानंद आश्रम पर 5 जुलाई को महोत्सव निरस्त किया। श्री नित्यानंद आश्रम ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने सभी गुरुभक्तों से गुरुपूर्णिमा पर घर पर ही रहकर गुरुदेव के पूजन का निवेदन किया है।
गुरुपूर्णिमा उत्सव स्थगित
विद्यार्थी परिवार इस वर्ष गुरुपूर्णिमा उत्सव नहीं मनाएगा। विद्यार्थी परिवार हर साल प्रख्यात चिंतक व साहित्यकार प्रो. अजहर हाशमी के निवास पर गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाता है। विद्यार्थी परिवार के अध्यक्ष एडवोकेट सतीश त्रिपाठी ने बताया प्रो. हाशमी से टेलीफोन पर ही आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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