सवा माह बाद खुली आलू-प्याज मंडी किसानों के लिए अच्छी नहीं रही। पहले दिन किसानों ने आलू और प्याज दोनों के दाम अच्छे नहीं मिले। महीनेभर पहले से प्याज बेचने का इंतजार कर रहे किसानों को यहां पहुंचने पर 4 से 7 रुपए में ही उपज बेचना पड़ी। कम दाम से नाखुश दो किसान तो अपने 150 कट्टे प्याज बगैर बेचे लेकर चले गए।
टंकी चौराहा स्थित सब्जी मंडी 22 मार्च के बाद से ही बंद थी। इसी दौरान प्याज व आलू की फसल पक कर तैयार हो गई और किसानों ने उपज को खेतों से निकल लिया, लेकिन लॉकडाउन के कारण उपज बेचने मंडी नहीं आ सके। सोमवार से शासन ने सब्जी मंडी खोलने की छूट दे दी। हालांकि सोशल डिस्टेंस का पालन करवाने के लिए 7 या 8 पंचायत के किसानों का मंडी आने की व्यवस्था कराने के आदेश दिए। इसके तहत मंडी समिति ने संबंधित ग्राम पंचायतों को सूचना दी और सोमवार से मंडी खुल गई। पहले दिन आवक कम होने से सुबह 11 बजे ही सौदे निपट गए।
कम भाव से किसानों में नाराजगी : मंडी में अच्छी क्वालिटी के प्याज के दाम कम मिलने से नाराज दो किसानों ने अपनी उपज नहीं बेची। बायड़ा के दोनों किसान अपने 150 कट्टे प्याज लेकर वापस अपने घर चले गए। किसानों ने मौजूद मंडी कर्मचारियों से कहा कि किसानों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। अब हम प्याज के अच्छे दाम मिलने पर ही मंडी आएंगे।
दरअसल लॉकडाउन के कारण आलू-लहसुन व प्याज की फिलहाल बाहर भी मांग नहीं है। साथ ही अभी बाहर माल भेजने की सुविधा भी शुरू नहीं हो सकी। ऐसे में स्थानीय व्यापारी अपने स्तर से ही दाम लगाकर प्याज की खरीदी कर रहे हैं। यानी प्याज की डिमांड वाले प्रदेशों में जब तक हालात नहीं सुधरेंगे, किसानों को उपज के अच्छे दाम नहीं मिल सकेंगे।
पहले दिन कम रही आवक : लॉकडाउन के बाद पहले दिन खुली मंडी में आवक कम रही। आलू-प्याज और लहसुन मिलाकर कुल 1 हजार कट्टे की आवक रही। इसमें सबसे ज्यादा 700 कट्टे प्याज के रहे, जबकि आलू के 50 कट्टे और लहसुन की 50 कट्टी शामिल है। अब धीरे -धीरे किसानों की संख्या मंडी में बढ़ेगी।
लहसुन के भाव 55 रुपए
प्याज : 4 रुपए किलो से शुरू होकर अच्छी क्वालिटी के प्याज के भाव 7 रुपए किलो रहे।
आलू : कम से कम 5 और अधिकतम 6 रुपए किलो बिके।
लहसुन : 11 रुपए से लहसुन की बोली शुरू हुई और सबसे अच्छी क्वालिटी की लहसुन 55 रुपए किलो तक बिकी।
सभी को आने की छूट नहीं
टंकी चौराहा स्थित सब्जी मंडी प्रभारी जगदीश गवली ने बताया कि मंडी में सोशल डिस्टेंस बनाकर ही खरीदी-ब्रिकी की जाएगी। इसके लिए आदेशानुसार 8-8 ग्राम पंचायत के किसानों को प्याज, आलू, लहसुन बेचने के लिए बुलाया जाएगा। मंडी क्षेत्र के अलावा जिले के अन्य किसानों को भी अलग से समय देकर बुलाएंगे। इसके लिए उन्हें पहले अपनी उपज की जानकारी देकर अनुमति लेना पड़ेगी।
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