गुजरात से प्रदेश में पिटोल बॉर्डर से आ गए उत्तर प्रदेश के 91 लोगों को राणापुर भेजा गया। यूपी सरकार द्वारा इन्हें वहां आने की अनुमति नहीं दिए जाने से ये लोग बार्डर पर अटके हुए थे। 31 लोगों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय छात्रावास में रखा गया। 60 लोगों की व्यवस्था बालक छात्रावास में की गई। इन 60 लोगों की मेडिकल टीम द्वारा स्क्रीनिंग की गई। उसके बाद इन लोगों ने होस्टल में अंदर जाने से इंकार कर दिया। सब बाहर ही खड़े हो गए।
उनका कहना था कि वे लोग पैदल ही यूपी जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें झूठ बोलकर गाड़ी में बिठाया कि वे उन्हें यूपी छोड़ देंगे। पुलिस धोखे से उन्हें यहां ले आई। इन लोगों को डर था कि उन्हें यहां 14 दिन रहना पड़ेगा। उनका कहना था कि 14 दिन बाद जब यहां से यूपी जाएंगे तो वहां फिर से 14 दिन के लिए उन्हें क्वारेंटीन किया जाएगा। ये लोग यहां से भाग निकलने का प्रयास कर रहे थे। स्थिति देखते हुए अधीक्षक ने पुलिस को बुलवा लिया। पुलिस द्वारा समझाइश के बाद ये लोग छात्रावास में दाखिल हुए।
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