सिद्धक्षेत्र बावनगजा में चातुर्मास को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। जैन तीर्थ में इस बार आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज चातुर्मास कर सकते हैं। इसको लेकर समाज के पदाधिकारियों ने इंदौर के रेवती रेंज में आचार्यश्री को श्रीफल भेंटकर सिद्धक्षेत्र में चातुर्मास करने का निमंत्रण दिया है। 4 जुलाई से चातुर्मास शुरू होगा, जो दीपावली पर खत्म होगा। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।
बावनगजा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष जितेंद्र जैन व प्रबंधक इंद्रजीत मंडलोई ने बताया समाज द्वारा चातुर्मास के लिए तैयारियां शुरू की है। 4 जुलाई से चातुर्मास शुरू होगा। इसकी स्थापना पूजन विधान के साथ की जाएगी। साथ ही आचार्यश्री के सान्निध्य में विभिन्न अनुष्ठान होंगे। इंदौर के रेवती रेंज में समाज के लोगों ने आचार्यश्री का आशीर्वाद लिया। समाज के राजेंद्रकुमार जैन, नरेंद्र जैन, यश सेठी, अरिहंत अजमेरा व अंतरिक्ष अजमेरा ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट किया है। साथ ही आचार्यश्री को बावनगजा में चातुर्मास करने के लिए न्यौता दिया है। इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे।
24 साल पहले बावनगजा आए थे आचार्य विद्यासागरजी
आचार्य विद्यासागरजी महाराज 24 साल पहले बावनगजा आए थे। उन्होंने बताया सन 1996 में आचार्यश्री गुजरात विहार पर जा रहे थे। तब वे तीन दिन बावनगजा में रूके थे। इस बार आचार्यश्री को सिद्धक्षेत्र में चातुर्मास के लिए निमंत्रण दिया है। उन्होंने बताया उनके साथ 35 संतों का समूह साथ चलता है।
गत वर्ष आचार्यश्री के शिष्यों के सान्निध्य में हुआ था
पिछले साल आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के शिष्यों के सान्निध्य में बावनगजा में चातुर्मास हुआ था। आचार्य प्रमाण सागरजी महाराज व विराट सागरजी महाराज ने चातुर्मास किया था। उन्होंने बताया आचार्यद्वय के सान्निध्य में 2 बोर सिद्धचक्र विधान मंडल, 3 बार भावना योग शिविर का आयोजन हुआ। इसके अलावा श्रावक संस्कार शिविर भी हुआ। इसमें भारत के हजारों लोग आए थे। लोगों के रूकने की व्यवस्था बावनगजा व बड़वानी के होटलों में की गई थी।
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