बस स्टैंड क्षेत्र में बनी 50 साल पुरानी पेयजल टंकी जर्जर होने के साथ खतरा बन गई थी। इसे गिराने का काम शुक्रवार से पंचायत ने शुरू कर दिया है। इससे पेयजल सप्लाई की व्यवस्था बिगड़ गई। शुक्रवार को लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकते रहे। कुछ ट्यूबवेल पर कतार लगाकर पानी भरते दिखे तो कुछ लोगों ने से पानी की व्यवस्था की।
अब तक गांव में पेयजल का एकमात्र स्त्रोत पेयजल टंकी थी। ग्रामीणों में आक्रोश है कि गांव में ना तो नवीन टंकी संबंधी कोई आदेश आया और ना कोई वैकल्पिक व्यवस्था की। ग्रामीणों को पानी के लिए ट्यूबवेल और कुओं पर भटकना पड़ रहा है। गांव के कन्हैयालाल पाटीदार, भारतसिंह सोलंकी ने बताया पंचायत को टंकी गिराने से पहले पानी सप्लाई के लिए पाइपलाइन को ट्यूबवेल से जोड़ देना चाहिए था। ताकि लोगों को पानी के लिए इधर-उधर ना भटक ना पड़े। मामले में पंचायत सचिव अभय जैन ने कहा पानी का वाॅल्व टंकी के नीचे लगे होने के कारण ट्यूबवेल से सीधा नहीं जोड़ा जा सकता है। अभी टंकी गिराने एवं उसका वेस्टेज उठने तक बस स्टैंड एवं हनुमान मंदिर के पास लगे ट्यूबवेल पर पानी भरने की व्यवस्था की है। दो हफ्ते बाद पंचायत परिसर के कुएं में पानी इकट्ठा कर पूरे गांव में नल-जल योजना के तहत पानी सप्लाई किया जाएगा।
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