शहर में कोरोना के 165 नए संक्रमित मिले हैं। तीन लोगों की मौत भी हुई है। अब तक 1372 पॉजिटिव मरीज और 63 मौतें हो चुकी हैं। पुडुचेरी व अहमदाबाद भेजे गए 1488 सैंपल मंे से करीब 560 की रिपोर्ट आ गई है। इनमें से 138 पॉजीटिव हैं। ये सभी 12 से 22 अप्रैल के सैंपल थे। इनमें टेस्ट पॉजिटिविटी रेट (टीपीआर) 24.64% था। वहीं एमजीएम में नियमित आए 270 सैंपल मंे से 27 पॉजीटिव आए हैं, इसमें टीपीआर 10.38% रही है। यानी टीपीआर घट गया है। मृत्यु दर भी पांच फीसदी के नीचे आई है। अब तक 1372 पॉजिटिव मरीजों में से 63 की मौत हो चुकी है। 10 दिन पहले जो मृत्यु दर 10% के करीब थी, वह अब घटकर 4.59% रह गई है।
इधर, केंद्रीय दल ने माना है कि इंदौर ने लॉकडाउन का इतनी सख्ती से पालन नहीं किया होता तो संक्रमण कई गुना फैल गया होता। दिल्ली रवाना होने से पहले दल के प्रमुख अभिलक्ष लिखी ने प्रशासन को समय पर टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। इसी बीच, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने इंदौर की समीक्षा की। सीएस ने कहा कि सैंपलिंग बढ़ाने की जरूरत है। कलेक्टर ने उन्हें बताया कि कड़े लॉकडाउन के चलते स्थिति नियंत्रण में आ रही है, लेकिन लॉकडाउन को बढ़ाने की जरूरत है। दो से तीन सप्ताह तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने की बात भी हुई।इधर, प्रशासन ने कहा है कि अब तक शहर के 3.18 लाख परिवारों के 20 लाख लोगों की स्क्रीनिंग हो चुकी है।
पीथमपुर में एक माह बाद फिर मशीनों का शोर
लॉकडाउन के चलते एक महीने से बंद पीथमपुर की 159 इंडस्ट्री में एक बार फिर मशीनों का शोर शुरू हो गया है। इंडस्ट्री ने अभी 30% श्रमिकों के साथ काम शुरू किया है और यह श्रमिकों की और व्यवस्था करने के बाद अधिकतम 50% श्रमिकों के साथ काम शुरू कर सकेंगे। मेडिकल उपकरण, दवा जैसी अनिवार्य सेवा से जुड़ी 110 इंडस्ट्री लॉकडाउन में भी चालू थी।
टीबी अस्पताल में भी होगा प्लाज्मा से इलाज
एमआर टीबी अस्पताल में भी कोरोना के गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थैरेपी के परीक्षण की तैयारी की जा रही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद इसकी अनुमति दे चुका है। संभवतः इसी सप्ताह इसे शुरू किया जाएगा। एमवायएच ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक यादव ने बताया कि हम इसी हफ्ते टीबी अस्पताल में मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर देंगे। पहले ठीक होने वाले मरीजों का एंटीबॉडी टेस्ट करवाएंगे। इससे पता चल पाएगा कि उसमेंं कितने प्रतिशत एंटीबॉडी विकसित हुई है। शुरुआत में गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इसका इस्तेमाल किया जाएगा। दो डॉक्टर और ब्लड बैंक के एक टेक्नीशियन ने प्लाज्मा देने की इच्छा जताई है। तीनों कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
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