पारा बढ़ने के साथ लोगों काे गर्मी सताने लगी है, लेकिन लॉकडाउन में लोग गर्मी कूलर, पंखे व एसी नहीं खरीद पा रहे हैं। दूसरी तरफ लॉकडाउन के चलते कूलर, पंखे के कारोबारियों का माल गोदामों में फंसकर रह गया है। अकेले नीमच जिले के व्यापारियों का 2 करोड़ रुपए का माल फंसा हुआ है। अब जैसे-जैसे समय गुजर रहा है तो पैसा डूबने का खतरा भी मंडराने लगा है।
कोरोना संक्रमण रोकने के लिए देश में 3 मई तक लॉकडाउन है। कूलर, पंखे, एसी के कारोबारियों का कहना है कि मई में कारोबार शुरू होता है तो भी धंधा 50 से 60 फीसदी तक मंदा होगा। कूलर, पंखा व एसी बिक्री का सबसे अच्छा समय मार्च व अप्रैल ही रहता है। इस बार लॉकडाउन के कारण बाजार बंद है। दो महीने का सीजन निकल गया। अब मई से ही उम्मीद है। ग्रीन जोन वाले जिलों में तीन मई के बाद सरकार छूट के समय व दुकान खोलने की राहत देती है तो भी इतनी ग्राहकी नहीं होगी। इस बार ऑर्डर करके जो माल बाहर से मंगवाया था वह जनवरी-फरवरी में ही आ गया था। जो इस समय करीब तीन माह से गोदामों में धूल खा रहा है। ग्राहकी नहीं हुई तो इस बार सभी व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। हालांकि लोग भी लॉकडाउन के बाजार खुलने का इंतजार कर रहे हैं। ताकि वे भी खरीदी शुरू कर सकें। इलेक्ट्रिक व्यापारियों ने कहा कि चैत्र नवरात्र व आखातीज पर ग्राहकी का अच्छे मुहूर्त थे। इन पर भी कोरोना का लॉक लग गया।
जिले में 2 करोड़ का कारोबार प्रभावित: जिले में करीब 150 से अधिक छोटे-बड़े व्यापारी कूलर, पंखों का कारोबार करते हैं। इंदौर, उदयपुर, बीकानेर से माल आता है। बड़े व्यापारियों ने ऑर्डर पर माल दिसंबर-जनवरी तक बुलाकर गोदामों में रख लिया था। मार्च-अप्रैल से गर्मी और शादियों का सीजन शुरू होते ही इनकी बिक्री शुरू हो जाती। एक-एक थोक व्यापारी के गोदाम में 15 से 20 लाख का माल रख लिया जाता है। बड़े व्यापारी जिले के फुटकर व्यापारियों को सप्लाई करते हैं। इस तरह पूरे सीजन में करीब 2 से ढाई करोड़ रुपए का कारोबार हाेता है।
10 से 15 फीसदी तक बढ़ सकते दाम
अभी लॉकडाउन के कारण अभी व्यापारियों के गोदामों में पंखे-कूलर धूल खा रहे है। कंपनी से उनकी ग्यारंटी दिसंबर तक रहती है और ग्राहकों को 6 माह की ग्यारंटी दी जाती है। लॉकडाउन खुलने के बाद व्यापारी इन कूलरों को अपनी िरक्स पर विक्रय करेगा तो वह इन सभी नुकसान की भरपाई के लिए दाम में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि कर सकते हैं।
गाइड लाइन में भी नहीं रखा कारोबार का ख्याल
थोक व्यवसायी मनोज अग्रवाल का कहना है कि हमारा तो पूरा व्यापार ठप हो गया है। केंद्र सरकार ने फैक्टरियों के बारे में गाइड लाइन जारी की है, लेकिन कूलर-पंखे और एसी बनाने वाली फैक्टरियां शामिल नहीं हैं। हमारा लाखों रुपए का माल जनवरी-फरवरी से ही गोदाम में रखा है। हर माह हजारों रुपए गोदाम का किराया भी लग रहा है। इस समय भीषण गर्मी को देखते हुए लोगों को कूलर, पंखों की बेहद आवश्यकता महसूस हो रही है। सरकार को इस व्यवसाय के लिए भी कुछ राहत देना चाहिए थी।
पूरा सीजन निकल रहा है
व्यवसायी अमर अंदानी का कहना है कि यही समय होता है जब लोग कूलर, पंखे खरीदते हैं। इस बार लॉकडाउन की वजह से पूरा व्यापार ही ठप है। अभी यह भी निश्चित नहीं है कि लॉकडाउन के बाद एकाएक बाजार खुल जाए। हमारे पाए लोगों के फोन आ रहे हैं कि सामान चाहिए।
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