एक साल बाद छावनी के लोगों को टिल्लर बांध का फिल्टर पानी मिलने लगा है। यदि बंाध का पानी इस बार छावनी में नहीं दिया जाता तो जलसंकट खड़ा हो सकता था। क्योंकि नेहरू काॅलेज के पीछे लगे ट्यूबवेल जल स्तर कम होने के कारण बंद हो चुका है।
छावनी क्षेत्र के लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए नपा ने नेहरू काॅलेज के पीछे, सदर बाजार व सुसनेर रोड स्थित पड़ाव क्षेत्र में ट्यूबवेल लगवा रखी है। इन तीनों ट्यूबवेल का पानी गांधी उपवन में बने संपवेल में लिया जाता है। संपवेल में पानी इकट्ठा करने के बाद इस पानी को गांधी उपवन में ही बनी टंकी में चढ़ाया जाता है और यहां से आधी छावनी के लोगों सप्लाई की जाती है। जबकि मार्केट मोहल्ला स्थित लोहे की टंकी को बड़ा तालाब के पास स्थित वाटर वर्क्स से भरा जाता है। इस टंकी से छावनी के आधे हिस्से में सप्लाई जाती है।
भीषण गर्मी के चलते नेहरू काॅलेज के पीछे लगे ट्यूबवेल जल स्तर कम होने से गत दिनों बंद हो गया है। लगातार चलने वाले इस ट्यूबवेल के बंद होने से नपा अधिकारियों को चिंता होने लगी थी। गत वर्ष टिल्लर डेम का फिल्टर पानी छावनी क्षेत्र में दिया गया था। बारिश शुरू होने के पहले ही बांध से पानी खींचने वाले दोनों पंप खराब हो गए थे। ऐसे बांध का पानी शहर में आना बंद हो गया था। छावनी क्षेत्र में बांध के पानी की सप्लाई न होने से लाइन चोक हो गई नपा ने लाइन की सफाई करवाने के बाद बांध का पानी छावनी में देना शुरू किया है। गत वर्ष जब डेम का पानी छावनी के लोगों को नहीं मिलता था तो परेशानी का सामना करना पड़ता था।
टिल्लर डेम से आ रहा साढे़ 17 लाख लीटर पानी
शहर के कुछ जलस्रोत अभी भी लबालब भरे हैं। इन जलस्रोतों के अलावा नपा टिल्लर डेम के पानी से काशी बाई व विवेकानंद कॉॅलोनी तथा ईदगाह के पास वाली टंकी भरती है। इन तीन टंकियों में 5-5 लाख लीटर पानी भरा जाता है। छावनी क्षेत्र को डेम से करीब ढाई लाख लीटर पानी मिल रहा है। नपा जलकार्य शाखा प्रभारी चंद्रशेखर वर्मा के मुताबिक छावनी क्षेत्र में लाइन की सफाई करवाने के बाद संपवेल में पानी भरा जाता है। संपवेल से गांधी उपवन की टंकी भरकर छावनी में सप्लाई की जाती है।
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