इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुप्रींटेंडेंट और सर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. अजय जोशी ने मंगलवार को कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया। 56 वर्षीय डॉ. जोशी 17 दिन से कोरोना से जंग लड़ रहे थे। चोइथराम अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें शुगर, बीपी और किडनी संबंधी परेशानियां थी, जिससे संक्रमण खतरनाक स्थिति में पहुंचा। शहर में कोरोना से ये चौथे डॉक्टर की मौत हुई है। इसके पहले डॉ. शत्रुघ्न पंजवानी, आयुष अधिकारी डॉ. ओपी चौहान और डॉ. बीके शर्मा भी इस बीमारी से लड़ाई हार चुके हैं, लेकिन इनमें डॉ. जोशी ही ऐसे हैं, जो लगातार कोविड अस्पताल में सेवाएं दे रहे थे। डॉ. जोशी इंडेक्स कोविड अस्पताल में मरीजों के उपचार के दौरान संक्रमित हुए।
पत्नी से बोले थे डॉ. जोशी- सैनिक मैदान छोड़कर भागता है क्या
डॉ. श्रीलेखा जोशी के मुताबिकअप्रैल के पहले सप्ताह में इंडेक्स मेडिकल कॉलेज को रेड जोन हॉस्पिटल में तब्दील किया। उस समय उनकी शुगर और बीपी की समस्या को देखते हुए परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों ने मना किया कि इस स्थिति में उनका जाना ठीक नहीं है, लेकिन वे हर बार यही कहते रहे कि सैनिक मैदान छोड़कर भागता है क्या? जिस समय मेरे इंस्टिट्यूट को मेरी ज्यादा जरूरत है, तब मैं घर पर नहीं रह सकता। वहां रहकर मुझे कुछ हो जाए, वह ज्यादा बेहतर है, बजाय इसके कि मैं घर पर बैठा रहूं। मुझे काम करने दो। तब से लगातार ड्यूटी करते रहे। यही नहीं, रविवार को भी अस्पताल जाते। जब वहां दो-तीन डॉक्टर्स पॉजिटिव आए तो इन्होंने भी जांच करवाई। जैसे ही रिपोर्ट मिली। कोई देरी नहीं की, भर्ती कर दिया। उन्हें कोई तकलीफ नहीं थी, इसलिए वे बोलते थे कि घर आना चाहता हूं, घर से ही कॉलेज की व्यवस्थाओं को संभाल लूंगा। उसके बाद दो दिन में निमोनिया हो गया। चोइथराम अस्पताल में प्रबंधन को देखने के बाद वे मुझे यह भी बोले कि अपने कॉलेज को बेहतर करना है। इस बीच उनका ऑक्सीजन हटाकर देखा, स्थिति सामान्य थी। दो दिन पहले ही फिर बोले कि मुझे घर ले चलो। वहां जाकर रिकवर हो जाऊंगा। अब मुझे इंस्टिट्यूट को बेहतर करना है। मैंने यहां बहुत सारी चीजें सोची हैं, जो अमल में लाना है। क्वालिटी को सुधारना है।
- डॉ. जोशी की पत्नी शहर की जानी-मानी शिशु रोग विशेषज्ञ हैं
एक डॉक्टर के संक्रमित होनेके बाद जांच करवाई थी
काॅलेज के आरसी यादव ने बताया कि कॉलेज में 10 लोग चपेट में आ चुके हैं। एक डॉक्टर के पॉजिटिव आने के बाद डॉ. जोशी ने जांच करवाई थी। तब उन्हें मामूली खांसी के अलावा कोई समस्या नहीं थी। अस्पताल में अब तक 700 ए-सिम्टोमेटिक मरीजों का इलाज हो चुका है।
12 दिन आईसीयू में संघर्ष करते रहे डॉ. जोशी : डॉ. भट्ट
चोइथराम अस्पताल के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. अिमत भट्ट बताते हैं कि डॉ. जोशी 23 मई को पॉजिटिव आए थे। 29 को तबीयत बिगड़ी तो आईसीयू में शिफ्ट किया। उन्हें बीपी, शुगर, सीकेडी भी थी। इससे संक्रमण खतरनाक हो गया। इसी बीच पेनक्रियाज में सूजन आ गई।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2MMlYFr
via IFTTT