76 दिन बाद सोमवार को भक्तों के लिए धार्मिक स्थल खुले लेकिन आस्था पर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भारी पड़ रहा है। मंदिरों के पट खुले तो श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। अब तस्वीर बदल गई है। हालांकि पहले दिन मंदिरों में ज्यादा भीड़ नहीं रही। कोरोना से बचाव के लिए भगवान के दर्शन में अभी कुछ दूरी जरूरी है। यही वजह है कि मंदिरों में गोल घेरे बनाकर या नंबर लिखकर भक्तों के बीच दूरी निर्धारित की गई। वहीं सिद्धक्षेत्र बावनगजा में सैनिटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही परिसर में प्रवेश दिया गया। घंटियों पर नाड़ा, कपड़ा बांधा है। शारीरिक दूरी कायम रखने के लिए अब श्रद्धालु परिक्रमा नहीं लगा सकेंगे। उधर, बावनगजा में ट्रस्ट कार्यालय में काउंटर पर करीब 2 फीट ऊंचा पोलीकार्बन किट लगाया जाएगा, ताकि कोई खांसे या छीके तो सामने बैठे कर्मचारी प्रभावित न हो।
बावनगजा : रोज आते थे 500 लोग
सिद्धक्षेत्र बावनगजा जैन समाज का तीर्थस्थल है लेकिन यहां बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं। पहाड़ियों से घिरा बावनगजा लोगों को आकर्षित करता है। सामान्य दिनों में यहां रोजाना 500 लोग आते थे। यही वजह है कि मुख्य द्वार पर 4 गोल घेरे बनाए हैं, ताकि लोगों के बीच दूरी कायम रहे। हाथों को सैनिटाइज करने व थर्मल स्क्रीनिंग के बाद परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। बावनगजा ट्रस्ट के प्रबंधक इंद्रजीत मंडलोई ने बताया मुख्य द्वार से प्रतिमा स्थल तक 4 जगह सैनिटाइजर और 8 स्थान पर हाथ धोने के लिए पानी व साबुन की व्यवस्था की गई है। दो थर्मल स्केनर खरीदे हैं। मुख्य द्वार व बड़े भगवान तक जाने वाले रास्ते पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश दिया जाएगा। सोमवार को समाज के 10 से 15 लोग दर्शन करने आए थे। उन्होंने बताया अभी कुछ समय आवास व भोजनशाला बंद रहेगी।
कालिका माता : रेलिंग लगाकर निर्धारित की दूरी
शहर के पालाबाजार स्थित कालिका माता मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां 200 से ज्यादा लोग रोजाना दर्शन करने आते हैं लेकिन अब यहां कोरोना वायरस के कारण श्रद्धालुओं को दूर से माता के दर्शन करना होंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर हाथ धोने की व्यवस्था की है। माता की प्रतिमा से 20 फीट दूर रेलिंग लगाई है, ताकि सोशल डिस्टेंस मेंटेन की जा सके। वहीं घंटी बजाने व प्रसादी वितरण कुछ समय के लिए बंद किया है। रेलिंग के पास ही टेबल रखकर दीपक लगाने व पूजन सामग्री रखने की व्यवस्था की गई है। वैष्णोदेवी मंदिर में घंटी बजाने पर रोक लगाने के साथ हाथ धुलाई की व्यवस्था की है। इसी तरह शहर के अन्य मंदिरों में भी व्यवस्था की गई है।
सांवरिया मंदिर : दूरी रहेगी, चम्मच से बांटा जाएगा प्रसाद
खंडवा-वडोदरा बायपास स्थित सांवरिया मंदिर में प्रदक्षिणा, टीका लगाने व घंटी बजाने पर रोक लगाई है। भक्तों को अब पुजारी द्वारा चम्मच से प्रसादी दी जाएगी, जबकि पहले हाथ से प्रसाद वितरित किया जाता था। घंटी बजाने व टीका लगाने पर भी रोक लगाई है। वैश्विक महामारी से पहले मंदिर में सुबह से शाम तक 300 से 400 श्रद्धालु आते थे। इसको लेकर मंदिर समिति द्वारा तैयारियां की है। समिति सदस्य रवि व्यास, जितेंद्र गोयल व पुजारी राजू महाराज ने बताया सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए लोहे के पाइप लगाए हैं। परिसर में 2 मीटर की दूरी पर रेडियम से नंबर डाले जाएंगे, ताकि भक्तों के बीच दूरी बनी रहे। हाथ से प्रसादी व चरणामृत देना बंद कर दिया है। घंटी बजाने के लिए एक कर्मचारी नियुक्त किया है।
खुले नागलवाड़ी भीलटदेव मंदिर के पट, 14 जून से होगा भंडारा
नागलवाड़ी स्थित भीलटदेव मंदिर के पट भी सोमवार से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। मंदिर समिति अध्यक्ष दिनेश यादव ने बताया रविवार रात हुई समिति की बैठक में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर खोलने का निर्णय लिया था। शासन के सभी निर्देशों का पालन करते हुए व्यवस्थाएं की है। फ्लैक्स व बैनर लगाए गए हैं। इनके माध्यम से मास्क लगाकर आने, हाथ धोने, रेलिंग व दीवारों को नहीं छूने, नारियल फोड़ने के बजाय चढ़ाने, जूते-चप्पल वाहन में या उचित स्थान पर रखने आदि अपील श्रद्धालुओं से की है। साथ ही ये भी निवेदन किया है कि 65 वर्ष से अधिक, 10 वर्ष से कम, गर्भवती व बीमारों को घर से ही बाबा का स्मरण करें। अध्यक्ष में बताया भंडारा प्रसादी 14 जून से शुरू की जाएगी।
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