किल कोरोना अभियान के तहत डेंगू और मलेरिया के मरीजों की भी पहचान की जा रही है। रैपिड किट से मलेरिया की जांच मौके पर ही की जा रही है। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जब मैदानी अमले को एक पॉजिटिव मरीज के घर मलेरिया की जांच के लिए भेज दिया। घर के अन्य सदस्य पॉजिटिव आए तो हड़कंप मचा और स्टाफ के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए।
भोलाराम उस्ताद मार्ग की एक मल्टी में एक मरीज में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उसी के संपर्क में आने वाले कई अन्य सदस्य और परिवार के सदस्यों को भी बुखार और अन्य समस्या थी। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मलेरिया की जांच के लिए वहां भेजा गया। परिजन ने सर्दी, जुकाम और बुखार की समस्या बताई तो स्टाफ वापस लौट गया। तीन दिन बाद उसी घर के कुछ सदस्य पॉजिटिव आ गए। इसके बाद चारों स्वास्थ्य कर्मचारियों के भी सैंपल लिए गए। नियमानुसार सैंपल देने के बाद स्टाफ को क्वारेंटाइन करना था, लेकिन वे फील्ड में काम कर रहे हैं।
इधर, अस्पताल से कोरोना के 10 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे
सोमवार को 10 कोरोना मरीज ठीक होकर घर लौटे। ये सभी मरीज इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए। इनमें चार देवास और 6 मरीज इंदौर के हैं। मरीजों 23 वर्षीय युवती से लेकर 60 वर्षीय बुजुर्ग भी शामिल हैं। स्वस्थ हुए मरीजों ने डॉक्टरों के साथ अस्पताल के स्टाफ को धन्यवाद दिया।
कोरोना प्रोटोकॉल तोड़ा तो नगर निगम की टीम करेगी कार्रवाई
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाने के लिए अब नगर निगम पहले जैसी सख्ती बरतेगा। निगम की टीम किसी भी ऑफिस या दुकान में जाकर जांच कर कार्रवाई करेगी। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया सुबह से शाम तक निगम के रिमूवल विभाग के साथ ही जोनल अधिकारी, सीएसआई सहित फील्ड के पूरे अमले को इसी कार्रवाई पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। सभी 19 जोन को अनाउंसमेंट के लिए एक-एक गाड़ी दी गई है।
घर-घर सर्वे में अभी तक 3804 कोविड संदिग्ध मिले
जिले में चल रहे किल कोरोना अभियान के तहत हुए सर्वे में अभी तक 3 हजार 804 कोविड संदिग्धों की पहचान की गई है। सर्वे दलों द्वारा रविवार रात तक 32 लाख 38 हजार लोगों का सर्वे कर लिया गया है। यह अभियान 15 जुलाई तक चलेगा। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि संदिग्धों की मेडिकल जांच कराई जा रही है और जरूरत होने पर सैंपलिंग, टेस्टिंग की जा रही है।
मैं भी गलती करूं तो फाइन लगाएं: सांसद
कोरोना संक्रमण को लेकर आमजन पर तो फाइन लग रहा है। जनप्रतिनिधियों को लेकर रियायत बरती जा रही है। इस पर आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मैं भी गलती करूं तो फाइन लगाया जाए।
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