एक जैसे नाम के कारण सोमवार को एमवाय हॉस्पिटल में शवों की अदला-बदली हो गई। मर्च्यूरी के कर्मचारी ने सोनकच्छ के युवक का शव बिसनखेड़ा गांव (कनाड़िया) के लोगों को दे दिया। वहां के लोगों ने कोरोना के डर से शव को देखा ही नहीं और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जब सोनकच्छ का परिवार शव लेने पहुंचा तो कर्मचारी ने उन्हें बिसनखेड़ा के युवक का शव दे दिया। उन्होंने उसे देखा तो चौंक गए। संयोगितागंज पुलिस के अनुसार, सोनकच्छ निवासी 20 वर्षीय आकाश पटैय्या की एसिड पीने से मौत हो गई थी। परिजन ने पोस्टमार्टम के लिए रविवार रात उसका शव एमवायएच के मर्च्यूरी में रखा था।
सोमवार सुबह जब परिजन शव ले जाने लगे तो उसे देखकर चौंक गए। कहा कि ये हमारा बेटा नहीं है। इस पर मर्च्यूरी में रखे बाकी शव देखे गए, लेकिन आकाश का शव नहीं मिला। बाद में एमवायएच प्रशासन ने जानकारी जुटाई। फिर परिजन को बताया कि उन्होंने बिसनखेड़ा निवासी 25 वर्षीय आकाश पांचाल नाम के युवक के शव की गफलत में आकाश पटैय्या का शव दे दिया। उसे वहां पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। इसलिए वहां जाकर संपर्क कर लें। उसकी अस्थियों को लेकर बाकी का क्रियाकर्म कर सकते हैं।
परिजन ने एमवाय अस्पताल की लापरवाही की शिकायत संयोगितागंज थाने में की
एमवाय अस्पताल की इस लापरवाही से सोनकच्छ का परिवार सकते में आ गया। वे शिकायत दर्ज कराने संयोगितागंज थाने पहुंचे। शाम को दूसरे आकाश के परिजन बिसनखेड़ा से फिर मर्च्यूरी आए। उन्होंने कहा कि इसमें हमारी गलती नहीं है। मर्च्यूरी वालों ने जो शव बांधकर दिया, हम उसे ले गए। कोरोना के कारण किसी ने उसे खोला भी नहीं। चाचा जुगल ने बताया कि जब शाम को पता चला कि आकाश का शव तो एमवायएच में ही है तो फिर से उसका शव ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया, यानी बिसनखेड़ामें दोनों आकाश का अंतिम संस्कार हो गया।
परिजन खुद पहचान कर शव ले गए थे : अधीक्षक
मामले में एमवायएच अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर का कहना है कि इस मामले में परिजन खुद पहचान कर शव ले गए थे। पोस्टमॉर्टम के बाद हम बॉडी पुलिस को हैंडओवर कर देते हैं। उसके बाद वे शव ले जाते हैं। यदि हमारे पास कोई शिकायत आएगी तो जांच कराई जाएगी।
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