बारिश न होने से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशानी में डाल रही है। पिछले तीन दिन में अधिकतम तापमान लगभग छह डिग्री बढ़ गया है। अकेले 24 घंटे में ही तापमान ने तीन डिग्री की उछाल लेकर 35.4 डिग्री दर्ज किया गया है। हालांकि शाम को आसमान में बादल आ गए और मौसम ठंडा होने से लोगों को लोगों को गर्मी से काफी हद तक राहत मिली। दूसरी तरफ बारिश न होने से किसान खासे चिंतित हैं। किसान बोवनी में जुटे हैं और बोवनी न होने के कारण खेतों में डला बीज खराब होने की आशंका है, यही नहीं जो बीज अंकुरित हो चुका है उसके भी झुलसने का अंदेशा बढ़ गया है।
बता दें कि रविवार को अधिकतम तापमान 32.6 और न्यूनतम तापमान डिग्री दर्ज किया गया था। सोमवार को सुबह से ही तेज धूप खिली रही और दोपहर ढाई बजे अधिकतम तापमान 35.4 और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया। जिले में इस सीजन में अंतिम बार बारिश 10 जुलाई को सुबह 6 बजे तक हुई थी। इसके बाद बूंद भी नहीं गिरी। रविवार को दोपहर डेढ़ बजे पूरे जिले में सिर्फ कस्बा थरेट व आसपास के ग्रामीण इलाकों में ही बारिश हुई थी। जबकि उससे 15 किमी दूर सेंवढ़ा, इंदरगढ़ में भी बारिश नहीं हुई थी। दतिया शहर, भांडेर में भी धूप खिली रही थी। सोमवार को दोपहर तक तो तेज धूप और उमस रही लेकिन शाम चार बजे के बाद आसमान में बादल आ गए जिससे मौसम ठंडा हो गया। बारिश के न होने से जहां एक तरफ गर्मी बढ़ रही है तो दूसरी तरफ गर्मी के कारण किसानों की चिंता भी बढ़ रही है।
कुआं और ट्यूबवेल से भर रहे धान के खेत
दतिया से सेंवढ़ा और भांडेर में इन दिनों धान की रुपाई का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। बारिश न होने के कारण किसानों को कुओं और ट्यूबवेल चलाकर धान के खेतों को भरना पड़ रहा है। जिससे न केवल बिजली खर्च बढ़ रहा है बल्कि समय भी लग रहा है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश कम हुई या देरी से हुई तो धान की पैदावार पर असर पड़ सकता है।
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