इस्लामी माह मोहर्रम का चांद नजर आते ही इस्लामी नव-वर्ष की शुरआत हो चुकी है। इसी के साथ कस्बे में ताजिए रखने का भी सिलसिला भी शुरू हो चुका है। मुस्लिम समाज का पंचायती ताजिया चांद देखने के बाद शुक्रवार रात को मस्जिद में रखा गया। जामा मस्जिद के हाफिज अब्दुल हमीद खान ने बताया कि मोहर्रम के इस माह में कर्बला के मैदान में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की हुई शहादत के बाद मुस्लिम समाज नव वर्ष की खुशियां ना मनाते हुए कर्बला के अमर शहीदों को खिराजे अकीदत पेश करते हैं।
इसी के साथ-साथ मुस्लिम समाज द्वारा इमाम बाडों पर ताजिए रखे जाते हैं और फातिहा ख्वानी की जाती है। हाफिज ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए किसी भी जगह भीड़ जमा ना करें और शासन द्वारा जो गाइडलाइन जारी की गई है उसका पालन करें।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2QjdGXn
via IFTTT