हिंदी माध्यम के सरकारी स्कूलों में सरकार ने अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं तो शुरू करा दी हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। नगर के एक्सीलेंस स्कूल में चार साल पहले अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं शुरू हुईं हैं। अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते स्कूलों में कक्षाओं का संचालन नहीं हो रहा है। बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। हिंदी माध्यम के बच्चों को स्कूलों से निशुल्क किताबें मिल चुकी हैं। अंग्रेजी माध्यम के बच्चों के लिए किताबें नहीं आई हैं। जिससे अंग्रेजी माध्यम के बच्चों को बिना किताब के ही ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है। ऐसे में बिना किताबों की ऑनलाइन पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम के बच्चों के लिए औपचारिकता बनकर रह गई है।
सरकारी स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ रहे 434 बच्चे : नगर के नवीन हायर सेकंडरी स्कूल में 6 से 8वीं तक अंग्रेजी माध्यम में 72 बच्चे दर्ज हैं। एक्सीलेंस स्कूल में 9वीं से 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम में 362 बच्चे दर्ज हैं। 6वीं और 7वीं के बच्चों को किताबें मिल चुकी हैं। 8वीं के 42 बच्चों में से मात्र 10 बच्चों को ही किताबें मिली हैं। शेष 32 बच्चे स्कूल से किताब मिलने का इंतजार कर रहे हैं। 9वीं से 12वीं तक के किसी भी बच्चे को किताब नहीं मिली है।
897 मोहल्ला क्लास हो रहीं संचालित : बीआरसी अतुल मकोड़े ने बताया ब्लाॅक में 897 मोहल्ला क्लास संचालित हो रही हैं। जिन बच्चों के पास मोबाइल और टीवी की सुविधा नहीं है, उनकी पढ़ाई के लिए मोहल्ला क्लास चलाई जा रही है। मोहल्ला क्लास में अधिकतम 5 बच्चों को ही पढ़ाया जाता है। मोहल्ला क्लास का संचालन शिक्षक करता है। सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए मोहल्ला क्लास में पढ़ाई कराई जा रही है। इसके अलावा जो बच्चे दूसरे गांव से स्कूल में पढ़ने आते थे, उनके लिए 97 टच प्वाइंट बनाए गए हैं। टच प्वाइंट में शिक्षक बच्चों के गांव पहुंचकर पढ़ा रहे हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई के बाद बच्चों की परेशानी को किया जा रहा दूर : ऑनलाइन पढ़ाई के बाद गणित, अंग्रेजी सहित अन्य विषयों से संबंधित बच्चों की कठिनाइयों को स्थानीय शिक्षक अपने स्तर पर दूर कर रहे हैं। एक्सीलेंस स्कूल के गिरीश साहू, आरके मालवीय ने बताया ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद बच्चे मोबाइल के माध्यम से विषय से संबंधित कठिनाइयों को लेकर चर्चा करते हैं। बच्चों की कठिनाई को मोबाइल पर वीडियो कॉल के माध्यम से दूर किया जा रहा है।
स्कूल की ओर से भेजी जा चुकी है डिमांड : एक्सीलेंस स्कूल के प्रभारी प्राचार्य आरके मालवीय ने बताया अंग्रेजी माध्यम के बच्चों के लिए किताबों की डिमांड भेजी जा चुकी है। इसके बाद भी किताबें नहीं आई हैं। किताबें आते ही बच्चों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
हिंदी माध्यम के बच्चों की सभी विषयों की नहीं आईं किताबें
हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों को भी अभी सभी विषयों की किताबें नहीं मिली हैं। 9वीं के 2 विषय, 11वीं के 3 विषय और 12वीं के अलग अलग संकाय के 11 विषयों की किताबें अभी तक बच्चों को नहीं मिली हैं। यही स्थिति प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल की कक्षाओं की है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल में अध्य1यनरत अधिकांश बच्चों को अभी भी सभी विषयों की किताबें नहीं मिली हैं।
ऐसे हो रही ऑनलाइन बच्चों की पढ़ाई
ब्लाॅक में 70 प्रतिशत बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। टीवी, मोबाइल, मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। बीईओ पी. कुंभारे ने बताया हर दिन शिक्षा विभाग से अलग-अलग विषयों की लिंक डाली जाती है। टीवी पर भी इसका प्रसारण होता है। जिन बच्चों के पास मोबाइल की सुविधा नहीं है वह टीवी के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं। इसके अलावा मोहल्ला क्लास के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
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