गणेश महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है। इस बार गणेश उत्सव के दौरान कोरोना संक्रमण वायरस के असर के चलते गणेश प्रतिमा सार्वजनिक रूप से स्थापित नहीं की गई हैं। लोगों ने घर में मिट्टी की गणेश प्रतिमा बनाकर उन्हें हर्बल रंग से सजाकर विधि- विधान से स्थापित की है। गणेश चतुर्थी को शनिवार को सुबह से ही घरों और मंदिरों में गणेश प्रतिमा स्थापित करने का सिलसिला शुरू हो गया था।
लोगों ने मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा को अपने घर और प्रतिष्ठान में शुभ, अभिजीत, चंचल, लाभ और अमृत मुहूर्त में स्थापित कर विधि-विधान से उनकी पूजा अर्चना की। इसके बाद शाम को लोगों ने विधि- विधान से गणपति की आरती की और देश-दुनिया से कोरोना संक्रमण से मुक्ति की कामना की। इस बार शहर में एक भी जगह सार्वजिनक रूप से गणेश प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है। घरों में श्रीगणेश की पूजा की जा रही है।
इन मंदिरों में सजाया गया गणेश दरबार
गणेश महोत्सव पर शहर के तहसील मंदिर, सन्यास आश्रम, मानस मंगल, रामलला मंदिर सहित अन्य मंदिरों में गणेश स्थापना विधि-विधान के साथ की गई है। बात दें इस बार कोविड के चलते बड़ी गणेश प्रतिमा स्थापित नहीं की गई हैं, इसलिए मूर्तिकारों ने भी इस बार बड़ी गणेश प्रतिमा तैयार न कर छोटी गणेश प्रतिमा ही तैयार की थी। अब यह गणेश महोत्सव डोल ग्यारस के बाद समाप्त होगा। डोल ग्यारस पर भी जुलूस और चल समारोह प्रतिबंधित रहेंगे।
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