राज्य सरकार के आदेश के बावजूद भोपाल सहित प्रदेशभर के ऑपरेटरों ने गुरुवार को बसें नहीं चलाईं। जबकि राज्य सरकार ने कोविड-19 संक्रमण से यात्रियों को सुरक्षित रखते हुए पूरी क्षमता से बसें चलाने के आदेश जारी किए थे। बस ऑपरेटर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का तर्क है कि बसें पांच महीने से खड़ी हुई हैं, इन्हंे अचानक नहीं चलाया जा सकता। हफ्तेभर में हम बसों को मेंटेेनेंस करवाते हैं। इस अवधि में राज्य सरकार 35 हजार से ज्यादा बसों पर बकाया करीब 420 करोड़ रुपए का टैक्स (अप्रैल से सितंबर)माफ कर दे और किराए में 50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दे। इसके बाद 1 सितंबर से बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
सभी सहयोग करें, तभी बसों का संचालन होगा
राज्य सरकार को बस ऑपरेटरों को कुछ छूट के साथ टैक्स माफी की प्रक्रिया शुरू करना चाहिए। हालांकि संक्रमण के चलते राज्य व केंद्र सरकार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं हैं। ऐसे में ऑपरेटरों व उनके एसोसिएशन को भी राज्य सरकार की मजबूरी को देखते हुए सहयोग करते हुए टैक्स माफी की प्रक्रिया में सहयोग करना होगा। इससे बीच का रास्ता निकलेगा और बसों का संचालन सुचारू हो सकेगा।
- एनके त्रिपाठी, पूर्व ट्रांसपोर्ट कमिश्नर
गृह विभाग ने बसें चलवाने संबंधी आदेश जिला कलेक्टरों को दिया है। कलेक्टरों के माध्यम से बसों का संचालन शुरू करने के लिए आदेश जारी होने पर हम तैयार हैं। लंबे समय से बसें खड़ी हुई हैं और स्टाफ भी अलग-अलग स्थानों पर है। बसों के मेंटेनेंस में समय लगेगा, इस दौरान टैक्स माफी व किराया बढ़ोत्तरी के आदेश सरकार को जारी कर देना चाहिए। 1 सितंबर से बसें चला देंगे।
-गोविंद शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मप्र प्राइम रूट बस ऑनर्स एसो.
प्रदेश में 35785 बसें चलती हैं
- 730 बसें भोपाल से होती हैं संचालित
- प्रदेशभर की बसों पर बकाया छह महीने का टैक्स- करीब 420 करोड़ रुपए
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