लंबी कवायद के बाद शहर के कई चौराहों में लेफ्ट टर्न बनाए गए, लेकिन यह लेफ्ट टर्न कब्जों की वजह से पूरी तरह से ब्लॉक हो चुके हैं। इन बाएँ किनारों से सहजता से निकलना संभव ही नहीं है।
रानीताल चौराहे पर बना लेफ्ट टर्न हो या फिर दमोहनाका में बनाए गए बाएँ किनारे कहीं भी दिन के वक्त इन हिस्सों से लोग नहीं निकल सकते हैं। और चौराहों में भी लेफ्ट टर्न अस्थाई कब्जों में जकड़े हुए हैं, पर ये दोनों चौराहे तो पूरी तरह से बाएँ किनारों का सही उपयोग न हो पाने की वजह से ट्रैफिक के लिहाज से तकलीफदेय साबित हो रहे हैं।
रानीताल में यदि कोई व्यक्ति गढ़ा एरिया से बल्देवबाग की ओर जाना चाहे तो बाएँ हिस्से से नहीं निकल सकता है। यहाँ पर दवा दुकान और कुछ डाक्टरों की क्लीनिक में परामर्श के लिए जो लाेग आते हैं, उनके वाहन सड़क के बाएँ हिस्से यानी लेफ्ट टर्न में पार्क कर दिए जाते हैं।
किसी को समझाइश तक नहीं देते
रानीताल चौराहे में दुकानदार अपने सामने खड़े होने वाले वाहन के मालिकों को कुछ सलाह या समझाइश तक नहीं देते हैं िक यहाँ पर किनारे वाहन खड़ा करें। इससे हजारों लोग परेशान होते रहें। पूरे चौराहे के ट्रैफिक को कुछ लोग कबाड़ा करने उतारू हैं।
दमोहनाका लेफ्ट टर्न को ही कब्जे में ले लिया
दमोहनाका चौराहे में दो लेफ्ट टर्न बनाए गए और दोनों में अलग-अलग तरह की परेशानियाँ हैं। छोटा फुहारा से बल्देवबाग की ओर जाने वाले लेफ्ट टर्न में तो कुछ दुकान वालों ने कब्जे में ले लिया है। बाएँ हिस्से से वाहन से तो दूर पैदल निकलना तक संभव नहीं हो पाता है।
यहाँ ऑटो वाले सितम ढा रहे
दमोहनाका में बल्देवबाग, चेरीताल से कृषि उपज मण्डी की ओर जाने वाले लेफ्ट टर्न में आटो वाले पूरी तरह से कब्जा कर वाहन काे पार्क कर देते हैं। नगर निगम ने जो लेफ्ट टर्न जमीन अधिग्रहित कर मुक्त कराई उसको आटो वालों ने जैसे अपने कब्जे में ले लिया है। किनारे वाला हिस्सा जहाँ से आदमी सहजता से निकल सकता है वहाँ पर किसी तरह से सहूलियत की बजाय अब तकलीफ और बढ़ गई है। पूरा चौराहा दोनों बाएँ हिस्सों से लोगों के सहज न निकल पाने की वजह से ट्रैफिक का दबाव अब भी झेल रहा है।
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