लॉक डाउन का आज 17वां दिन है। 415 संक्रमित और मौतों का आंकड़ा 28 पर पहुंच गया है। भोपाल से लगे छोट से जिले विदिशा में एक दिन में 10 संक्रमित मिलने से पूरे जिले हड़कंप की स्थिति है। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 12 हो गई है। राज्य सरकार के संक्रमण रोकने के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पब्लिक हेल्थ एक्ट की धारा 71(1) के तहत पूरे प्रदेश में मास्क पहनना कंपलसरी कर दिया है। इसके तहत अब लोग घर से बाहर बिना मास्क के नहीं निकल सकेंगे। जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार संक्रमित 20 जिलों के में जहां संक्रमित मरीज मिले हैं वहां की 46 बस्तियों को हॉट स्पॉट मान सील करने के आदेश दिए गए हैं।
टोटल लॉक डाउन ने बढ़ाई परेशानी, घरों में खाना बनाने के सामान की कमी
गुरुवार देररात प्रदेश सरकार ने 14 मार्च तक पूरे प्रदेश में टोटल लॉक डाउन के आदेश जारी कर दिए हैं। पहले से चले आ रहे लॉक डाउन से ही लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जरुरी सामान खत्म हो गया है। सरकार का दावा है कि पूरे प्रदेश में सभी जरुरी सामान की कोई कमी नहीं हो दी जाएगी लेकिन, हकीकत में जरुरी सामान की कमी हो गई है। बीते एक सप्ताह से दुकानें नहीं खुलने से लोग सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। सरकार जो व्यवस्था करने के दावे कर रही है वो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। लोग परेशान हैं दूध सप्लाई बंद होने से बच्चों तक को पीने के लिए दूध तक नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा स्थिति ग्रामीण इलाकों की खराब है। जानकारी के अनुसार कई इलाकों में 15 दिन से किराने के सामान की सप्लाई नहीं हुई है। थोक की दुकानों पर भी सामान खत्म हो गया है।
गौशालाओं में गायों के लिए चारा खत्म हुआ
लॉक डाउन का असर प्रदेशभर की गौशालाओं पर भी पड़ा है। यहां गायों को दिया जाने वाला चारा खत्म हो गया है। कई गौशालाओं में दिन में एक बार थोड़ा सा भूसा दिया जा रहा है। जो लोग गौशालाओं की व्यक्तिगत तौर पर मदद करते थे वे लॉक डाउन की वजह से मदद करने में असमर्थ हैं। प्रदेश में फसल की कटाई नहीं होने से भूसा भी नहीं आ पा रहा है। प्रदेश भर की गौशालाओं में गायें भूखे मरने की कगार पर आ गई है। सूत्रों का कहना है कि लॉक डाउन की वजह से सही जानकारी सामने नहीं आ रहा है।
राज्य के 20 जिले कोरोना प्रभावित; 15 जिलों में 46 कोरोना हॉटस्पॉट
कोरोना से ज्यादा प्रभावित 20 जिलों के 46 हॉटस्पॉट को पूरी तरह सील करने के आदेश दे दिए गए हैं। कोरोना से प्रभावित भोपाल, इंदौर और उज्जैन को पहले ही पूरी तरह से सील किया जा चुका है। इन क्षेत्रों में आने-जाने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। प्रदेश के 15 जिलों के कुल 46 क्षेत्रों को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, जहां कोरोना संक्रमण के मामले मिले हैं। जबलपुर 8, ग्वालियर 6, खरगोन 5, बड़वानी 5, छिंदवाड़ा 5, देवास 4, होशंगाबाद 3, विदिशा 2, खंडवा 2, मुरैना, शिवपुरी, बैतूल, श्योपुर, रायसेन और धार की 1-1 जगह को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि प्रदेश की कोरोना टेस्टिंग क्षमता 1050 प्रतिदिन हो गई है। टेस्टिंग किट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं।
अब तीन श्रेणियों में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज
राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अब तीन लक्षणों के आधार पर श्रेणियों में बांटकर इलाज किया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस जैसी तमाम जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी सभी इन मरीजों को एक ही अस्पताल में रखकर इलाज किया जा रहा है। फिर चाहे उसमें कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हों या फिर नहीं। सिर्फ सैंपल जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। ऐसे में इस बात की आशंका बनी रहती है कि एक मरीज में कोई भी लक्षण नहीं हैं और दूसरे मरीज में गंभीर लक्षण हैं तो बिना लक्षण वाला मरीज गंभीर रूप बीमार से संक्रमित हो सकता है।
ये होंगी मरीजों व अस्पतालों की 3 श्रेणियां...
इसमें वे व्यक्ति हैं जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव तो आया है, लेकिन वे स्वस्थ हैं और सामान्य नजर आ रहे हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड केयर सेंटर आएंगे। आपदा प्रबंधन संस्थान के रेस्ट हाउस में भी 24 बेड उपलब्ध हैं। इसमें वे व्यक्ति आएंगे जिनका टेस्ट पॉजिटिव आने के साथ ही सर्दी, खांसी समेत संक्रमण के मध्यम लक्षण हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड स्वास्थ्य केंद्र आएंगे जिनमें ऑक्सीजन सप्लाई और लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस है। इस श्रेणी के अस्पतालों में शामिल एम्स में 70 बेड, जीएमसी में 60 बेड, चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में 500 बेड, बीएमएचआरसी में 40 बेड की सुविधा रहेगी। इस श्रेणी में वे व्यक्ति आएंगे जिनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई हैं और हालत गंभीर है। इन अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, डेडीकेटेड एंबुलेंस विद लाइफ सपोर्ट सिस्टम और शव वाहन की व्यवस्था रहेगी। इस श्रेणी के अस्पतालाें में शामिल एम्स, जीएमसी, चिरायु व बंसल हैं।
विदिशा में 5, लटेरी में एक, गंजबासौदा में चार और कोरोना पॉजिटिव मिले
गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी लैब भोपाल की रिपोर्ट में विदिशा शहर में 5 और गंजबासौदा शहर में 4 और 1 लटेरी कोरोना पॉजिटिव नए मरीज मिलने का खुलासा हुआ है। इससे पहले 8 अप्रैल को गंजबासौदा में 1 और सिरोंज में 6 अप्रैल को 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुका है। इस प्रकार विदिशा जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा 12 तक पहुंच गया है। बासौदा और सिरोंज में 1 कोरोना पॉजिटिव मरीज पहले ही मिल चुके हैं। सीएमएचओ डॉ. केएस अहिरवार और कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन ने बताया कि गुरुवार देर रात स्टेट वायरोलॉजी भोपाल की रिपोर्ट में जानकारी मिली है कि विदिशा शहर में कोरोना पॉजिटिव 5 नए मरीज मिले हैं । ये मरीज विदिशा शहर के किला अंदर, चोपड़ा मोहल्ला, लोहंगीपुरा और स्वर्णकार कॉलोनी आदि क्षेत्रों के रहने वाले हैं। ऐसे माहौल के बीच संक्रमितों की पड़ताल करने घर-घर सर्वे कर रहा मैदानी अमला ही असुरक्षित है। सर्वे में जुटे मैदानी अमले को विभाग ने संक्रमण से बचाव के लिए पूरे साधन उपलब्ध नहीं कराए हैं। इससे कई आशा कार्यकताएं हाथों में बिना ग्लब्स पहने ही सर्वे करते दिखाई दे रही हैं। जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। जिस काम में कार्यकर्ताएं जुटी हुई है। जिले में बाहर से आए 21698 मरीजों की अब तक स्क्रीनिंग की जा चुकी है। गुरुवार की स्थिति में जिला अस्पताल में 13 मरीज क्वारेंटाइन हैं, जबकि 12 मरीजों को आइसोलेशन में हैं।
50 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस्तीफे दिए
भोपाल में 40 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव मिलने और इंदौर में कोरोना पॉजिटिव एक डॉक्टर की मौत के बाद प्रदेश में डॉक्टरों के बीच दहशत है। ग्वालियर में गजराराजा मेडिकल कॉलेज के 50 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है। करीब सप्ताहभर पहले ही जीआरएमसी में 92 रेजिडेंट जूनियर डॉक्टर ने ज्वाइन किया था, एक हफ्ते के अंदर इनमें से 50 डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे दे दिए। उनसे जो बांड भरवाया गया था, उसके बदले भी 5 लाख रुपए बाद में भरने को राजी हो गए हैं। इधर, 8 अप्रैल को शिवराज सरकार ने प्रदेश में एस्मा लगा दिया था, जिससे 25-30 डॉक्टरों के इस्तीफे नामंजूर हो गए हैं। गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ. केपी रंजन ने बताया कि कि उनके पास पर्याप्त स्टॉफ है, इन डॉक्टरों की भर्ती इमरजेंसी के लिहाज से की गई थी। कोरोना से लड़ने के लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज ने 114 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ने 114 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। 3 महीने की संविदा नियुक्ति के लिए भर्ती के दौरान करीब 92 डॉक्टर ज्वाइनिंग के लिए तैयार हुए थे, इन डॉक्टर्स ने एक अप्रैल को ज्वाइन किया। जीआरएमसी ने इन डॉक्टर्स को जयारोग्य अस्पताल, कमलाराजा महिला एवं बाल चिकित्सालय और सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तैनात किया था, लेकिन तैनाती के हफ्ते भर के अंदर कोरोना के डर से 50 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया।
ग्वालियर का दूसरा मरीज भी स्वस्थ्य होकर घर लौटा
बीएसएफ टेकनपुर के अफसर अशोक कुमार (57) ने कोरोना से जंग जीत ली है। 13 दिन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती रहे अशोक कुमार की दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद गुरुवार को उन्हें छुट्टी दे दी गई। वह कोरोना से जंग जीतने वाले जिले के दूसरे शख्स हैं। चार दिन पहले चेतकनपुरी निवासी अभिषेक मिश्रा भी स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। टेकनपुर के बीएसएफ परिसर में रहने वाले अशोक कुमार की पत्नी 13 मार्च को यूके से लौटी थीं। 26 मार्च को अशोक कुमार को जुकाम, खांसी के साथ हल्का बुखार होने लगा। संक्रमण की आशंका के चलते उन्होंने जेएएच में दिखाया। 27 मार्च को उन्होंने बेटे के साथ जिला अस्पताल मुरार में सैंपल दिया था। इसके बाद उन्हें आईटीएम हॉस्पिटल में बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में भेजा गया। 28 मार्च को अशोक कुमार की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हालत सुधरने पर 5 व 8 अप्रैल को उनका दो बार और कोरोना टेस्ट कराया गया। दोनों बार उन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं पाया गया। गुरुवार को डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। अशोक कुमार के बेटे विनीत कुमार ने बताया, पिता को बीएसएफ अस्पताल में क्वारेंटाइन किया गया है। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. गिरिजाशंकर गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ मरीजों की बेहतर तरीके से देखभाल एवं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि दो मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
रायसेन मेंजांच दल हैरान; न विदेशी से मिला, न जमाती से, फिर भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई
45 साल के व्यक्ति के पॉजिटिव मिलने के बाद उसके पूरे परिवार के सैंपल लिए गए, लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। संक्रमित व्यक्ति का कहना है कि उसकी न तो ट्रैवल हिस्ट्री है और न ही वह किसी विदेशी या जमाती से मिला, फिर उसे कोरोना क्यों हुआ? जांच दल हैरान है कि परिवार में सिर्फ एक ही को संक्रमण क्यों हुआ?
गुना खलबली मची; हॉट स्पॉट मुरैना से गुपचुप गुना पहुंचे 49 मजदूर, सभी क्वारेंटाईन
कोरोना हॉट स्पॉट मुरैना से 49 मजदूर चार जिलों की सीमा क्रॉस कर गुना जिले के डेहरा गांव पहुंच गए। मुरैना में अब तक 12 पाॅजिटिव मिल चुके हैं, इसलिए गुना में मजदूरों की गुपचुप एंट्री से प्रशासन सकते में आ गया। दोपहर में एक स्वास्थ्य टीम डेहरा गांव भेजी। सभी मजदूरों को आश्रम में क्वारेंटाइन किया गया है।
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