संक्रमण के खतरे को देखते हुए भोपाल में 14 अप्रैल तक टोटल लॉकडाउन कर दिया गया है। इस दौरान राशन की परेशानी न आए, इसके लिए जिला प्रशासन ने सांची पॉर्लरों पर किराना रखना और वहां से सप्लाई की व्यवस्था शुरू कर दी है। वहीं, नगर निगम की कचरा गाड़ियों के माध्यम से भी लोगों से उन्हें राशन की जरूरत और घर का पता मांगा जा रहा है, जिससे अगले दिन उन्हें राशन की होम डिलेवरी की जा सके। इधर, लगातार 5 दिन के बाद संक्रमितों की संख्या में कमी आई है। 7 अप्रैल को जहां कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले आए थे, वहीं 8 अप्रैल को 12 और 9 अप्रैल को ये घटकर 4 पर पहुंच गई। हालांकि लॉकडाउन के 17वें दिन आज सुबह 10 नए केस सामने आए हैं। इस तरह से भोपाल में संक्रमित मरीजों की संख्या 109 हो गई है। शहर के 80 से ज्यादा इलाकों को सील किया गया है।
गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के बाद अब गांधी मेडिकल कॉलेज की दो जूनियर डॉक्टर कोरोना से पॉजीटिव पाई गई हैं। गुरुवार देर रात आई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। दोनों पॉजीटिव जूनियर डॉक्टर पीएसएम और स्त्री रोग विभाग में कार्यरत हैं। दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद जीएमसी के प्रभारी डीन डॉ. एके श्रीवास्तव ने सभी एचओडी की इमरजेंसी मीटिंग कॉल की है।
लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 24 घंटे में 57 केस
भोपाल पुलिस ने 24 घंटे में लॉकडाउन उल्लंघन करने वालों पर 57 केस दर्ज किए हैं। यहां पर 22 मार्च से अब तक लॉकडाउन उल्लंघन के कुल 810 मामले दर्ज हुए हैं। उल्लंघन के इन मामलों में प्रमुख रूप से बेवजह रोड पर पैदल व वाहनों से घूमना, किराना और मीट की दुकान खोलकर शासकीय आदेशों का उल्लंघन करना है, इसमें हाथ-ठेला पर सब्जी बेचकर आदेशों का उल्लंघन करना भी शामिल है।
टोटल लॉकडाउन से बढ़ी दिक्कतें, घरों में राशन की किल्लत
सरकार ने गुरुवार को देर रात 14 मार्च तक पूरे प्रदेश में टोटल लॉकडाउन का आदेश जारी कर दिया। पहले से चले आ रहे लॉकडाउन से ही लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घरों में जरुरी सामान खत्म हो गया है। बीते एक सप्ताह से दुकानें नहीं खुलने से लोग सामान नहीं खरीद पा रहे हैं। सरकार जो व्यवस्था करने के दावे कर रही है वो पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। लोग परेशान हैं, दूध सप्लाई बंद होने से बच्चों के पीने तक को दूध नहीं मिल पा रहा है। सबसे ज्यादा स्थिति ग्रामीण इलाकों की खराब है। जानकारी के अनुसार कई इलाकों में 15 दिन से किराने के सामान की सप्लाई नहीं हुई है। थोक की दुकानों पर भी सामान खत्म हो गया है।
अब तीन श्रेणियों में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज
राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अब तीन लक्षणों के आधार पर श्रेणियों में बांटकर इलाज किया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन
सप्लाई, लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस जैसी तमाम जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी सभी इन मरीजों को एक ही अस्पताल में रखकर इलाज किया जा
रहा है। फिर चाहे उसमें कोरोना के लक्षण नजर आ रहे हों या फिर नहीं। सिर्फ सैंपल जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है।
मरीजों व अस्पतालों की 3 श्रेणियां
- पहली श्रेणी - इसमें वे व्यक्ति हैं जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव तो आया है, लेकिन वे स्वस्थ हैं और सामान्य नजर आ रहे हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड केयर सेंटर आएंगे। आपदा प्रबंधन संस्थान के रेस्ट हाउस में भी 24 बेड उपलब्ध हैं।
- दूसरी श्रेणी - इसमें वे व्यक्ति आएंगे जिनका टेस्ट पॉजिटिव आने के साथ ही सर्दी, खांसी समेत संक्रमण के मध्यम लक्षण हैं। इन अस्पतालों में चिह्नित कोविड स्वास्थ्य केंद्र आएंगे जिनमें ऑक्सीजन सप्लाई और लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली डेडिकेटेड एंबुलेंस है। इस श्रेणी के अस्पतालों में शामिल एम्स में 70 बेड, जीएमसी में 60 बेड, चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में 500 बेड, बीएमएचआरसी में 40 बेड की सुविधा रहेगी।
- तीसरी श्रेणी - इसमें वे व्यक्ति आएंगे जिनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई हैं और हालत गंभीर है। इन अस्पतालों में आईसीयू, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, डेडीकेटेड एंबुलेंस विद लाइफ सपोर्ट सिस्टम और शव वाहन की व्यवस्था रहेगी। इस श्रेणी के अस्पतालों में शामिल एम्स, जीएमसी, चिरायु व बंसल हैं।
मप्र में 446 कोरोना संक्रमित
मध्य प्रदेश में 411 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें एक पॉजिटिव यूपी के कौशांबी का रहने वाला है। इनमें इंदौर में 235, भोपाल में 109, मुरैना में 13, उज्जैन में 15, खरगोन में 12, बड़वानी में 12, विदिशा 13, जबलपुर में 9, ग्वालियर में 6, होशंगाबाद में 6, छिंदवाड़ा में 2, खंडवा में 5, देवास में 3, शिवपुरी 2, धार, बैतूल, श्योपुर, रायसेन, रतलाम में एक-एक संक्रमित मिला। अब तक इंदौर में 22, उज्जैन में 5, खरगोन 2, भोपाल, छिंदवाड़ा, रतलाम, देवास में एक-एक की मौत हो गई। इसमें इंदौर 21, जबलपुर 3, भोपाल 2, शिवपुरी और ग्वालियर में एक-एक मरीज स्वस्थ्य होने पर घर भेज दिया गया।
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