(राघवेंद्र बाबा )कोरोना का खतरा शहर में बहुत ज्यादा है, पर लोग इसे अभी भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। लोगों ने अपने हिसाब से कर्फ्यू में ढील का वक्त निर्धारित कर लिया है। चंदननगर जहां सब कुछ क्वारेंटाइन किया जा रहा है, यहां भले ही चौराहे पर पुलिस लगी है, लेकिन अंदर ही अंदर दो किलोमीटर तक लोग तफरीह कर रहे हैं। सुबह 6 से 9 बजे तक लोग सड़कों पर ऐसे घूमते दिख रहे हैं, जैसे सरकार ने कर्फ्यू में उन्हें स्पेशल छूट दे रखी हो। चंदू वाला रोड की छोटी सी गली में 40 मीटर के दायरे में 25 लोग आते-जाते दिखे। पीछे कचरा गाड़ी थी, जिसकी आड़ में कई लोग बिना किसी महत्वपूर्ण कारण के बाहर निकल गए। चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मी बोले कितना पीटो, कितना समझाओ, लेकिन ये
लोग मान ही नहीं रहे हैं। इन्हें तो सिर्फ मजाक लग रहा है। शाम 4 बजते ही लोग अपने घरों के आगे ऐसे खड़े हो जाते हैं, जैसे अब काफी कुछ बदलने वाला है।
बड़ा गणपति : झुंड बनाकर बातें करते हैं लोग
बड़ा गणपति क्षेत्र में भी हालात ऐसे ही हैं। लोगों को पता है कि पुलिस की गाड़ी आएगी तो दूर से ही दिख जाएगी। इसलिए वे सड़कों पर 4-5 के झुंड में गप्पे लगाने में मशगूल हैं। उन्हें कोरोना से कोई डर नहीं है। पूछने पर एक बुजुर्ग बोले कि अब क्या होगा... कितना घर में रहें। दूसरे बुजुर्ग बोले भैया गलती हो गई। अब सड़क पर नहीं आएंगे। बड़ा गणपति चौराहे पर तो ऐसा लग रहा है जैसे बाजार खुल चुका है। लोग बाइक पर निकल रहे हैं। मानो वे किसी बड़े बाजार से राशन और अन्य सामान खरीद कर निकले हैं। जब पूरा बाजार बंद है, तो फिर इनके हाथों में बड़े-बड़े बैग हैरान कर देते हैं कि आखिर ये सुबह-सुबह कहां से सामान ला रहे हैं। एक महिला बोली कि सब सेटिंग से हो रहा है। कुछ दुकानदार पीछे के रास्ते से राशन बेच रहे हैं। हम वहां पहुंचकर ले आते हैं।
पुलिसकर्मी बोले- ये जनता कहां मानने वाली
राज मोहल्ला, बियाबानी, कलेक्टोरेट, सिंधी कॉलोनी, भंवरकुआं, रीगल, नेहरू नगर सहित शहर के कई इलाकों में घूमा। मुख्य मार्गों पर तो पुलिस तैनात होने से वहां सन्नाटा पसरा हुआ है, लेकिन अंदर की तंग गलियों में कर्फ्यू का मतलब ही दिखाई नहीं दे रहा है। चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी बोलने लगे, भैया ये जनता है। कहां मानने वाली। कभी भी नियमों का पालन नहीं करती है। जब भी इन्हें रोको तो बहाने अनेक हैं। किसी का बेटा दूसरी जगह है, किसी की दो पत्नी है। किसी को मरीज को भोजन देने जाना है। किसी के भूसे का ट्रक आया है। किसी को पैदल चलने पर ही मजा आता है। कोई ऐसे भी कारण बताता है जो बहाने लगते हैं, लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है। फिर भी लोग नहीं समझ रहे हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/34qg05n
via IFTTT