जहां एक ओर लॉकडाउन के बावजूद कुछ लोग अपने घरों से निकलकर समाज के लिए खतरा पैदा कर हैं, वहीं कुछ जागरुक युवा अपने इलाके के लोगों की सुरक्षा कर रहे हैं। ये युवा घनी बस्तियों के रहवासी हैं। युवाओं का कहना है कि जब तक सेल्फ सोशल डिस्टेंसिंग और अनुशासन की बात नहीं करेंगे, लॉकडाउन सफल नहीं होगा। युवाओं ने माना कि पॉश इलाकों में पुलिस को उतनी परेशानी नहीं हाेती है जितना घनी बस्तियों के आसपास। यहां कुछ बस्ती के लाेगाें ने बांस, बल्ली, रस्सी बांधकर सेल्फ बैरिकेडिंग की है। इनमें बागसेवनियां, बागमुगालिया, अन्ना नगर, बाणगंगा बस्ती भी शामिल है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सेल्फ बैरिकेडिंग करने से युवा पुलिस की अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहे हैं।
लोगों के निकलने से होती थी परेशानी
बागसेवनिया इलाके में मंदिर के पास पुलिस ने चैकिंग पाॅइंट बनाया है। जब पुलिस बेवजह घूमने वालों की जांच करती है तो लोग गलियों से निकलते हैं। ऐसे में रहवासियों को परेशानी होती है। रहवासी सुमित शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने इलाके की सेल्फ बैरिकेडिंग की है। उन्हें देखकर पूरी बस्ती ने इसी तरह की व्यवस्था कर ली है।
गाड़ी निकालने की सुविधा ही नहीं
बागमुगालिया हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के अजितेश तिवारी ने बताया कि सेल्फ बैरिकेडिंग से एक तरह से सेल्फ डिसिप्लिन भी आता है। घरों से गाड़ियां ही नहीं निकलती जिसकी वजह से लोग अपने घर के आसपास ही पैदल घूमकर वापस आ जाते हैं। इस तरह की व्यवस्था को पुलिस को सभी कॉलोनियों में लागू करना चाहिए।
पुलिस की कर रहे मदद
शैलेंद्र शर्मा,थाना प्रभारी, बागसेवनियां के मुताबिक, हमने इलाके में कई अस्थाई चैकिंग पाॅइंट बनाए हैं। इससे बचने के लिए लोग गलियों का सहारा लेते हैं। ऐसे में बस्ती के लोगों ने अपनी-अपनी गली में रस्सियों और बांस बल्ली से सेल्फ बैरिकेडिंग की है। इस तरह बस्ती के युवा पुलिस की मदद कर रह हैं।
पूर्णेंद्र सिंह, थाना प्रभारी कटारा हिल्स के मुताबिक,बागमुगालिया इलाके में कोरोना पॉजिटिव निकला है। इसके बाद कॉलोनी के लोगों ने रस्सी और बांस बल्ली लगाकर बैरिकेडिंग कर ली है। युवाओं की इस पहल से पुलिस को थोड़ी नहीं, बहुत मदद मिल रही है।
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