शहर के महरानी लक्ष्मीबाई कन्या स्कूल क्रमांक-1 (एमएलबी) की सूरत जल्द बदलने वाली है। यह स्कूल जल्द ही न केवल डिजिटल स्कूलों की कतार में शामिल होगा। बल्कि यहां प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर केजी स्तर से कक्षाएं शुरू की जाएंगी। यह सब होगा एजुकेशन फॉर ऑल (ईएफए) प्रोजेक्ट के जरिए। प्रोजेक्ट के तहत मध्यप्रदेश राज्य ओपन बोर्ड भोपाल तथा माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने संयुक्त रूप से जिले से एमएमबी स्कूल क्रमांक-1 को गोद लिया है। प्राचार्य यशवंत सिंह राजपूत ने बताया कि राज्य ओपन बोर्ड भोपाल ने स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए प्रदेश के 52 जिलों से 1-1 स्कूल का चयन किया है। सागर से एमएलबी स्कूल चयनित हुआ है। बोर्ड द्वारा शुरूआती चरण में स्कूल के स्टाफ की जानकारी मोबाइल नंबर, फोटो, ई-मेल आईडी सहित मंगाई गई है।
माइक्रोसॉफ्ट शिक्षकों को देगा स्मार्ट तरीके से पढ़ाने की ट्रेनिंग : राजपूत ने बताया कि बोर्ड ने चुने गए स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाने की योजना तैयार की है। इसके तहत माइक्रोसॉफ्ट कंपनी स्कूल के विद्यार्थियों को सरल से सरल, खेल-खेल में तथा स्मार्ट तरीके से पढ़ाने की ट्रेनिंग स्कूल के शिक्षकों को देगा। इसके अलावा स्कूल में डिजिटल बोर्ड, स्मार्ट तथा सर्वसुविधायुक्त क्लास रूम का निर्माण कराया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने तथा सुविधाएं जुटाने के लिए हर साल स्कूलवार बोर्ड फंड जारी करेगा। बोर्ड ने हर तीन साल में एक स्कूल पर करीब 11 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना तैयार की है।
वर्तमान में स्कूल में छात्राओं को कक्षा 6वीं से एडमिशन दिया जाता है। लेकिन स्कूल विकसित होने के बाद यहां केजी स्तर से विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा स्कूल में अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं के माध्यम से पढ़ाई कराने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा विद्यार्थियों को देश की संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य बोर्ड ने संस्कृत भाषा में नर्सरी की कक्षाएं शुरू करने की योजना बनाई है।
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