श्रावण व भादौ में बाबा महाकाल पूरे लाव-लश्कर के साथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे। संक्रमण की रोकथाम के लिए सवारी मार्ग बदलकर छोटा किया जाएगा। पहली सवारी महाकाल मंदिर से हरसिद्धि चौराहा, सिद्धाश्रम होकर रामघाट जाएगी। सवारी की वापसी रामानुज कोट, पाल से हरसिद्धि चौराहा होकर महाकाल मंदिर होगी। मार्ग छोटा करने को लेकर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के बीच सहमति हो गई है। सोमवार को अधिकारियों ने महाकाल मंदिर, नए सवारी मार्ग और रामघाट का अवलोकन भी किया।
श्रावण की शुरुआत 6 जुलाई से होगी। पहले ही दिन सोमवार है। इसी दिन से श्रावण सोमवार की सवारियों का क्रम शुरू होगा। कोरोना संक्रमण को देखते प्रशासन सवारी के स्वरूप और अन्य व्यवस्थाओं का फैसला नहीं ले पा रहा था। भास्कर ने सवारी से जुड़े धर्माचार्यों, प्रबुद्धजनों, भक्तों और स्वयंसेवकों के माध्यम से सवारी के स्वरूप व व्यवस्थाओं का प्लान तैयार किया था। प्रशासन ने इसके आधार पर न केवल सवारी की परंपरा का पालन करना तय किया बल्कि अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार की हरी झंडी मिल जाने पर सोमवार को संभागायुक्त आनंद शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी मनोजकुमार ने मंदिर, प्रस्तावित नए सवारी मार्ग व रामघाट का अवलोकन किया। मंगलवार को फिर मंथन होगा। मंदिर में दर्शन और सवारी व्यवस्था तय करने की जिम्मेदारी मंदिर समिति की है। इसलिए बैठक में अंतिम फैसला लेकर समिति घोषणा कर सकती है।
छोटा रास्ता, श्रद्धालुओं की भीड़ आने से रोक सकेंगे
आईजी राकेश गुप्ता का कहना है कि फिलहाल नए रूट पर सहमति हो गई है। सवारी महाकाल से हरसिद्धि, सिद्धाश्रम होकर रामघाट जाएगी तथा रामानुजकोट, हरसिद्धि होकर मंदिर लौटेगी। यदि श्रद्धालुओं को आने से रोकना है तो यह मार्ग अनुकूल है। गुप्ता के अनुसार अभी अन्य मुद्दों पर फैसला होना है। सांसद अनिल फिरोजिया का कहना है कि सवारी पूरे वैभव के साथ निकालेंगे। प्रशासन ने दौरा भी किया है। आखिरी फैसला होना बाकी है।
प्रशासन की दो तरफा तैयारी नई गाइड लाइन का इंतजार
प्रशासन दो तरफा तैयारी कर रहा है। सवारी मार्ग छोटा कर श्रद्धालुओं का प्रवेश रोककर सवारी निकाली जाएगी। किसी भी श्रद्धालु को सवारी मार्ग पर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। केवल महाकाल राजा के प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। दूसरी तरफ यदि शहर ग्रीन जोन में जाता है तथा केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन में ग्रीन शहरों में धार्मिक यात्राओं को छूट दी जाती है तो प्रशासन पारंपरिक सवारी मार्ग पर भी सवारी निकाल सकता है।
नए सवारी मार्ग पर लाइट, सड़क सुधार के लिए कहा
अफसरों ने महाकाल मंदिर, नए सवारी मार्ग व रामघाट का अवलोकन करने के दौरान नए सवारी मार्ग पर प्रकाश, सफाई और सड़क सुधार व रामघाट पर भी सवारी की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए।
कब-कब रहेगी सवारी : सावन की पहली सवारी 6 जुलाई, दूसरी 13 जुलाई, तीसरी 20 जुलाई, चौथी 27 जुलाई, पांचवी 3 अगस्त को। भादौ मास की पहली व छठी सवारी 10 अगस्त और प्रमुख सवारी सोमवार 17 अगस्त को निकलेगी।
पूजन में सोशल डिस्टेंसिंग, सवारी में भी संख्या सीमित
सवारी निकलने के पूर्व भगवान महाकाल के मुखारबिंद का विधिवत पूजन के पश्चात सवारी निकाली जाएगी। पूजन चांदी द्वार के पास सभा मंडप में किया जाएगा। इसके बाद तय समय पर शाम 4 बजे सभा मंडल से सवारी निकलेगी। मुख्य द्वार पर पुलिस जवान पालकी को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे। सवारी में उद्घोषक वाहन, तोपची, भगवान महाकाल का ध्वज, घुड़सवारी, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैंड, नगर सेना, महाकाल मंदिर के पुजारी-पुरोहित, ढोल वादक सहित अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले कर्मचारी सीमित संख्या में रहेंगे।
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