
तीन तलाक के संबंध में कानून बनने के एक साल बाद तीन तलाक देने का मामला सामने आया है। बेंगलुरू निवासी एक व्यक्ति ने पत्नी को वीडियो कॉल के माध्यम से एक सांस में तलाक...तलाक... तलाक... कहकर फोन काट दिया। यह घटना 10 जून की है। इसके बाद महिला ने पति को कानून की दुहाई भी दी, लेकिन जब पति ने बात करने से इंकार कर दिया, तब महिला ने बुधवार शाम को कोहेफिजा थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई। महिला की उम्र 42 साल है। शादी को 19 साल हो चुके हैं। उसके दो बच्चे हैं, जिसे पति ने अपने पास रखा है। पति बेंगलुरू के एक होटल में मैनेजर है। पुलिस ने आरोपी पति पर मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों की सुरक्षा) अध्यादेश-2019 की धारा 3 और 4 के तहत केस दर्ज किया है।
आपबीती... मां और मुझे घर से निकाला..मैंने सुलह की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने एक न सुनी
मैं कोहेफिजा में रह रही हूं। मेरा निकाह फैज आलम अंसारी से 2001 में हुआ था। मेरी ससुराल नूर महल में है। शादी के तीन दिन बाद मैं पति के साथ सिंगापुर चली गई थी। वर्ष 2001 से 2006 तक सिंगापुर में रहे। पता चला कि पति को छोटी-छोटी बाताें में गुस्सा होने की आदत है। सोचा कुछ समय बाद सब ठीक हो जाएगा। 2006 में हम लोग सिंगापुर से मलेशिया चले गए, जहां बड़े बेटे का जन्म हुआ। इसके बाद 2012 में बेंगलुरू आ गए। जहां 2015 में छोटे बेटे का जन्म हुआ। इस दौरान भी पति द्वारा किसी न किसी बात पर प्रताड़ना जारी रही। फरवरी 2020 को मेरी पीठ में समस्या हुई, तो डॉक्टर ने बेड रेस्ट काे कहा। इसकी वजह से मैंने अपनी मां को मदद के लिए बुला लिया। इस दौरान पति कई बार नाराज हुए। हम दोनों के बीच विवाद बढ़ा तो 10 जून को उन्होंने मेरी मां और बच्चों को कमरे में बंद कर दिया और मुझे रात को घर के बाहर निकाल दिया। मैंने सोचा की गुस्सा शांत हो जाएगा और वह मान जाएंगे। इस दौरान वह अपनी दोस्त के यहां ठहरीं। इसी बीच पति को मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मां को भी 12 जून को घर से बाहर कर दिया। दोनों मां बेटी किसी तरह बेंगलुरू से भोपाल पहुंचीं। यहां आकर उनके परिजनों से बातचीत कर मनाने की कोशिश की, लेकिन वह बात करने तैयार हुए । जब वीडियो कॉल करके बच्चों से बातचीत कर रही थी, तभी पति ने फोन छुड़ा लिया और एक सांस में तीन तलाक कहकर फोन काट दिया। इसके बाद से फोन बंद आ रहा है । बच्चों से भी बात नहीं कर पा रही हूं। जब कुछ समझ में नहीं आया तो थाने पहुंचकर शिकायत की।
- जैसा महिला ने भास्कर संवाददाता को बताया
ऐसे तलाक शून्य, तीन साल की सजा भी हो सकती है
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव संदीप शर्मा ने बताया कि 30 जुलाई 2019 को भारत की संसद ने तीन तलाक के खिलाफ कानून पास करके इसे दंडनीय अपराध बनाया था। इसे पिछले साल एक अगस्त से लागू भी कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि मुस्लिम महिला अध्यादेश-2019 की धारा 3 के तहत इस तलाक को शून्य माना जाएगा और वहीं धारा 4 के तहत इसमें सजा का प्रावधान है। इसमें तीन साल की सजा हो सकती है।
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