अक्षय तृतीया पर इस बार लॉकडाउन के कारण शादियों की धूमधाम नहीं रही। यादव, भिलाल समाज सहित अन्य समाज के लोगों ने सामूहिक सम्मेलन निरस्त किए। वहीं बिना बैंड-बाजा व बारात के दो जोड़ों ने मंदिरों में सीमित लोगों की मौजूदगी में विवाह की रस्में पूरी की। कोरोना वायरस को हराकर प्यार को मंजिल पर पहुंचाया।
अंजड़ के पास आवली बसाहट के आईमाता मंदिर में अक्षय तृतीया पर बैंड-बाजा व बिना बारातियों के विवाह हुआ। मात्र 6 लोगों की मौजूदगी में शादी कि रस्में पूरी की गई। जानकारी अनुसार बड़वानी निवासी निकिता तोरनिया व आवली निवासी राहुल परमार एक दूसरे से प्यार करते हैं। दोनों के परिजनों ने उनके प्रेम को स्वीकार कर विवाह करने की मंजूरी दे दी। लेकिन लॉकडाउन के कारण इनके विवाह में ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सके। इस दौरान लड़की के परिवार से 3 और लड़के के परिवार 2 सदस्यों की मौजूदगी में पंडित ने विवाह की रस्में पूरी कराई।
गायत्री मंदिर अंजड़ में रविवार अक्षय तृतीया पर 6 लोगों की मौजूदगी में सादगी के साथ विवाह हुआ। पान्या निवासी दुल्हा रविंद्र पिता देवकरण बड़ोले व दुल्हन लक्ष्मी पिता सुरेश चौहान निवासी भग्यापुर विवाह बंधन में बंधे। अखातीज पर खजूरी में भिलाला समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन होना था। इसमें इन दोनों की भी शादी होना थी। लेकिन लॉकडाउन के कारण निरस्त हो गया। अब गायत्री परिवार की पद्धति से विवाह किया।
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