समर्थन मूल्य पर 68 केंद्रों पर गेहूं की आवक बढ़ रही है। 16 अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर शनिवार तक नागरिक आपूर्ति निगम 4222 किसानों से एक लाख 42 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद कर चुका है। खरीदे गए 27 करोड़ के गेहूं में से शासन ने 75 लाख रुपए का भुगतान किसानों को कर दिया है। सरसों अभी भी व्यापारी ही खरीद रहे हैं क्योंकि गेहूं की खरीद के बाद नागरिक आपूर्ति निगम सरसों की खरीद शुरू करेगा।
मौसम के बदलाव काे ध्यान में रखते हुए नागरिक आपूर्ति निगम खरीदे गए गेहूं को तत्काल गोदाम व वेयर हाउसों तक पहुंंचा रहा है। पंजीकृत 20 हजार किसानों में अभी तक एक चौथाई से भी कम किसान गेहूं बेचने खरीद केन्द्रों पर पहुंचे हैं। इस कारण प्रशासन को किसानों को खरीद केन्द्र तक बुलाने के लिए अलग से क़वायद करना पड़ रही है। इसके अलावा भोपाल के अफसर आए दिन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से गेहूं खरीदी के अपडेट ले रहे हैं।
तेल मिलों के कारण सरसों की मांग ज्यादा
मुरैना में सरसों तेल का उत्पादन करने के लिए 6 रिफाइनरी व 22 ऑइल इंडस्ट्रीज लगी हैं। सभी में इस समय सरसों तेल का उत्पादन किया जा रहा है। चूंकि बारिश में सरसों की उपलब्ध कम हो जाती है इसलिए गल्ला व्यापारी अभी किसान की सरसों को औने-पौने रेट में खरीदकर वेयर हाउसों में स्टॉक कर रहा है। इसलिए मंडी में इस समय व्यापारियों का फोकस सरसों की खरीद पर है।
सरसों के लिए 16 लाख बोरियों का इंतजाम नहीं
सरकार चाहती है कि गेहूं के साथ सरसों की खरीद भी समर्थन मूल्य पर हो लेकिन मुरैना जिले में सरसों की खरीद के लिए नाफेड ने अभी तक नागरिक आपूर्ति निगम को 16 लाख बोरियाें का प्रबंध नहीं कराया है। इस कारण मुरैना में समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद, गेहूं खरीदे जाने के बाद शुरू हो सकेगी। चूंकि सरसों की कटाई गेहूं से पहले हो चुकी है इसलिए किसान अपनी सरसों को बेचने के लिए उतावला है। समर्थन मूल्य पर सरसों नहीं खरीदे जाने से किसान अपनी सरसों को व्यापारियों के हवाले कर रहा है। व्यापारी, किसान की सरसों को 3750 रुपए से लेकर 3950 रुपए प्रति क्विंटल के रेट से खरीद रहे हैं। इससे किसान को एक क्विंटल सरसों बेचने पर 400 रुपए से अधिक नुकसान हो रहा है। शनिवार को गल्ला मंडी में व्यापारियों ने नीलामी प्रक्रिया से 336 क्विंटल व सौदा पत्रक प्रक्रिया से 341 क्विंटल सरसों खरीदी है।
व्यवस्थाओं में खामी, इसलिए मंडी में भी बिक रहा गेहूं
समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी व्यवस्था में खामियां हैं, इस कारण किसान अपने गेहूं को बेचने के लिए कृषि उपज मंडी समिति में पहुंच रहा है। मजबूर किसान गेहूं को समर्थन मूल्य 1925 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर न बेचकर उसे गल्ला व्यापारियों को 1765 से 1800 रुपए प्रति क्विंटल के रेट से बेच रहा है। इस प्रकार किसान सवा सौ से लेकर डेढ़ सौ रुपए प्रति क्विंटल का घाटा उठा रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि किसान आखिर समर्थन मूल्य के रेट का लाभ क्यों नहीं लेना चाहता है। शनिवार की बात करें तो मुरैना की कृषि उपज मंडी में किसानों ने व्यापारियों को नीलामी के आधार पर 86 क्विंटल व सौदा पत्रक के आधार पर 305 क्विंटल गेहूं बेचा है। व्यापारियों ने गेहूं को न्यूनतम 1540 रुपए व अधिकतम 1800 रुपए क्विंटल के रेट से खरीदा है।
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