संक्रमण काल में अब पानी की समस्या आ खड़ी हुई है। फरवरी में ही नए इंटकवेल का पीछे छोड़ चुका अब धोलावड़ डैम का पानी जैकवेल से भी नीचे उतरना शुरू हो गया है। इससे जैकवेल का आधा पाइप दिखाई देने लगा है। अब जैकवेल तक पानी पहुंचाने के लिए नगर निगम को कभी भी दो मड पंप (प्रत्येक 60 एचपी) जैकवेल के आगे पानी में उतारना पड़ सकते हैं। जलस्तर के नीचे उतरने की जानकारी लगने पर रविवार को सिटी इंजीनियर सुरेश व्यास और सहायक यंत्री श्याम सोनी ने धोलावड़ डैम के दोनों इंटकवेल और जैकवेल का निरीक्षण किया। राहत वाली बात यह है कि धोलावड़ डैम में बीते साल के मुकाबले अभी भी 1.70 मीटर ज्यादा पानी भरा है। उधर 15 जून से मानसून सक्रिय हो जाएगा इसलिए शहरवासियों को जलसंकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
चार साल से काम आ रहे मड पंप –मड पंप चार साल से शहर के जलसंकट को दूर रखे हुए हैं। 2017 में विधायक चेतन्य काश्यप ने उज्जैन में तत्काल दो मड पंप मंगवाए थे।
पटरी पार अभी शाम 5 बजे से हो रही सप्लाई
पाइप लाइन फूटने के बाद गड़बड़ाई पटरी पार के क्षेत्र की पेयजल सप्लाई व्यवस्था अभी भी नहीं सुधर पाई है। पूरे इलाके में सुबह 6 बजे की बजाए शाम 5 से रोत 10 बजे के बीच सप्लाई दी जा रही है। इसे शेड्यूल में लाने के लिए जलप्रदाय अमले को फिर से एक दिन का ब्रेक लेना पड़ेगा। रविवार को धोलावड़ डैम के जेकवैल का निरीक्षण किया है। पानी उतरने से जेकवैल का आधा पाइप दिखा।
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