बैतूल-अहमदाबाद हाईवे के फोरलेन बनने से अधूरे पड़े हिस्से में आ रहे माछलिया घाट पर बुधवार रात 2 बजे तंबाकू से भरा ट्राला पलट गया। इससे यातायात बंद हो गया। सुबह साढ़े 4 बजे एक गाड़ी निकलने जितना रास्ता बनाया गया। इसके बाद एक-एक तरफ की गाड़ियां निकाली गई। दिनभर जाम जैसी स्थिति रही। शाम तक रास्ता पूरा नहीं खोला जा सका। ऐसे में दोनों ओर ट्रकों की लंबी कतार लग गई। कुछ गाड़ियां 4 से 5 घंटे तक फंसी रही।
घटना घाट के बीच ग्राम डूंगलापानी के पास के माेढ़ पर हुई। ट्राला नंबर जीजे-07-वायजेड-2483 गुजरात के आणंद से उत्तर प्रदेश के बनारस जा रहा था। घाट चढ़ाई में अनियंत्रित होकर ट्राला पलट गया। चालक हरेंदर पिता सुखदेवसिंह ने बताया, मोढ़ पर अचानक सामने गड्ढा आ गया और उसे बचाने में ट्राले का संतुलन बिगड़ गया। आपको बता दें, इसी रोड पर दो दिन में ये दूसरी घटना है। यहां से कुछ ही दूरी पर बुधवार को अहमदाबाद से इंदौर जा रहा ट्रक नंबर जीजे-18-एएक्स-3724 टायर फटने से सड़क पर ही खड़ा हो गया था। वो गुरुवार शाम को हटाया गया।
- 09 साल में नहीं बना हाईवे
- 2009 में स्वीकृत हुआ था फोरलेन हाईवे
- 2011 में शुरू हुआ काम
- 155 किमी लंबाई पिटोल बॉर्डर से इंदौर तक फोरलेन की
- 30 महीने में पूरा होना था
- 1150 करोड़ थी शुरुआती लागत
- 2372 करोड़ 48 लाख हो चुकी है अब लागत
- 6 साल देर से हुआ काम,
वो भी अधूरा
- 139 किमी बना फोरलेन,
- 16 किमी पुराना टू लेन रोड ही
सबसे ज्यादा परेशानी यहीं, बारिश में ज्यादा
अधूरे फोरलेन पर सबसे ज्यादा परेशानी माछलिया घाट सेक्शन में आती है। बारिश में परेशानी और बढ़ जाती है। हर दिन जाम लगता है, कई गाड़ियां दुर्घटना का शिकार होती हैं। इसके बावजूद यहां के लिए पैसा नहीं दिया जा रहा। माछलिया घाट पर खाकरा गांव की संकरी पुलिया सबसे बड़ी परेशानी है। घाट सेक्शन पर काम पूरा करने के लिए 200 करोड़ चाहिए।
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