आने वाले दिनों के लिए तय हो गया है कि आयुध निर्माणी खमरिया अब तीन शिफ्टों में उत्पादन करेगी। देश में ओएफके इकलौती निर्माणी होगी जिसमें इस तरह का वर्किंग कल्चर शुरू होने जा रहा है। हालाँकि सभी कर्मचारी संगठन इसके विरोध मंे हैं और सोमवार से ही आंदोलन के संकेत भी दिए हैं। निर्माणी प्रशासन ने सोशल डिस्टेंसिंग का हवाला दिया है, जबकि श्रमिक नेताओं का कहना है कि जब वर्क लोड और राॅ-मटेरियल ही नहीं है तो ऐसे अव्यावहारिक फैसले की जरूरत ही क्या..? आयुध निर्माणी खमरिया में प्रशासन और श्रमिक संगठनों में टकराव जैसी स्थिति बन रही है। तीन शिफ्टों में निर्माणी शुरू करने के मामले में कर्मचारी तैयार नहीं हैं। तीनों प्रमुख संगठनों ने रक्षा मंत्री, रक्षा सचिव, ओएफबी चेयरमैन के अलावा कलेक्टर को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की माँग की है। यूनियन के अरुण दुबे, राम प्रवेश, अनूप सीरिया, अर्नब दासगुप्ता, आनंद शर्मा, शरद अलवाल, अमित चौबे, पुष्पेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया है कि इस पर रोक नहीं लगाई जाती है तो 8 जून से अनिश्चितकालीन आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा, साथ ही सांकेतिक हड़ताल भी की जाएगी।
फीमेल स्टाफ का क्या होगा
श्रमिक संगठनों का कहना है कि प्रशासन सुबह 7:30 की शिफ्ट को बंद कर सुबह 6:30 बजे निर्माणी शुरू करने जा रहा है। दूसरी शिफ्ट दोपहर ढाई बजे और तीसरी रात 10:30 बजे शुरू करने की योजना है। यह टाइमिंग खास तौर पर महिला कर्मचारियों के लिए अव्यावहारिक है। बाकी कर्मियों को भी परेशानी होगी।
देश में सिर्फ यहीं सोशल डिस्टेंसिंग - कर्मचारी संगठनों का यह भी कहना है कि देश में ओएफके ही इकलौती निर्माणी है जहाँ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। जब बाकी निर्माणी की टाइमिंग में बदलाव नहीं किया गया तो यहाँ क्यों जरूरी है पी-4
देश में सबसे ज्यादा कर्मचारी संख्या होने के कारण ओएफके में सोशल डिस्टेंसिंग ज्यादा जरूरी है। आउटसोर्स मिलाकर हम 8 हजार कर्मियों को एक साथ जुटाकर संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ा सकते। अगले कुछ हफ्तों के लिए यह बेहद जरूरी है। -रविकांत, महाप्रबंधक, ओएफके।
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