आरोन| दूसरे प्रदेशों से मप्र में आए श्रमिकों को शासन की संबल योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराए जाने की तैयारी के लिए शासन द्वारा अभियान शुरू किया गया है। श्रमिक जो मजदूरी करने के लिए अपने मूल निवासी स्थान से अन्य प्रदेशों में आजीविका उपार्जन के लिए मजदूरी करने के लिए पलायन करके कोविड-19 के दौरान प्रदेश में वापिस लौटे हैं। ऐसे सभी श्रमिकों को शासन की प्रत्येक योजना में प्राथमिकता के साथ, योजना के मापदंड के अनुसार लाभ दिया जाने सेक्टर प्रभारियों, सचिव, ग्राम रोजगार सहायकों को कहा गया है।
जितेंद्र सिंह धाकरे, सीईओ जनपद पंचायत आरोन ने बताया कि मप्र के मूल निवासी जो प्रदेश के बाहर कार्यरत रहे हैं तथा 1 मार्च 2020 या उसके उपरांत मप्र में लौटे हैं के सर्वे, सत्यापन तथा पंजीयन के लिए 27 मई से 3 जून 2020 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे सभी श्रमिकों जो शासन की सभी योजनाओं में पात्रता रखते हैं, उन्हें प्राथमिकता के साथ चिन्हित किया जाकर लाभ दिलाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। कोई भी पात्र व्यक्ति किसी भी दशा में योजना के लाभ से किसी भी प्रकार से वंचित न रहें। इसकी भी मॉनीटरिंग की जा रही है।
मनरेगा में काम और नि:शुल्क खाद्यान्न भी दिलाया जाएगा
संबल पोर्टल में प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के बाद उनको योजनाओं का लाभ दिया जाण्गा। पंजीयन की जानकारी ग्रामीण विकास विभाग को भी उपलब्ध कराई जाएगी जिससे इच्छुक श्रमिकों को मनरेगा में काम दिया जा सके। साथ ही खाद्य विभाग द्वारा पात्र श्रमिकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। इस कार्य के दौरान कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देश जैसे- सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क उपयोग आदि का अनिवार्य पालन करने को कहा गया है। इस काम को सर्वोच्च प्राथमिकता में लेते हुए समय-सीमा में सुनिश्चित करने के निर्देश शासन ने दिए हैं।
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