बैरी मैदान निवासी 95 वर्षीय बसंतीबाई की अर्थी को क्षेत्र के कय्यूम, जाहिर, सईद और अमीन ने कांधा दिया। कोरोना महामारी के डर से उनकी शवयात्रा में ज्यादा रिश्तेदार पहुंचे न परिचित। इसलिए क्षेत्र के मुस्लिम समाजजन ने उन्हें कांधा दिया। बैरी मैदान निवासी गरीब परिवार की बसंतीबाई दौलतराम (95) की उम्र ज्यादा होने की वजह से निधन हो गया। कोरोना वायरस के डर से अंतिम संस्कार में ज्यादा रिश्तेदार और परिचित नहीं पहुंचे। मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने से आसपास के लोग आगे आए। उन्होंने अंतिम संस्कार के लिए अनुमति पत्र भरा।
एसडीएम कार्यालय से अनुमति लेकर बुधवार दोपहर उनकी शवयात्रा निकाली गई। अर्थी को कय्यूम अंसारी, जाहिर अंसारी, सईद अंसारी और अमीन अंसारी सहित अन्य मुस्लिमजन ने कांधा दिया। शव लेकर नागझिरी के मुक्तिधाम पहुंचे। यहां परिवार के सदस्यों ने बसंतीबाई को मुखाग्नि दी। करीब 10 दिन पहले चंद्रकला वार्ड में भी एक शव को कांधा देने के लिए मुस्लिमजन पहुंचे थे। कय्यूम, जाहिर, सईद और अमीन ने कहा यह भारतीय परंपरा है। विपरीत परिस्थितियों में जिसका कोई नहीं उसका पड़ोसी और क्षेत्रवासी ही काम आता है। हमने भी पड़ोसी धर्म का पालन किया है।
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