बुधवार को ईसागढ़ स्वास्थ्य केन्द्र में विधायक निधि से खरीदे गए मास्क की क्वालिटी को लेकर शुरू हुआ विवाद बढ़ गया है। चंदेरी विधायक गोपाल सिंह चौहान के आरोपों पर सीएमएचओ डाॅ. जेआर त्रिवेदिया ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में स्वास्थ्य विभाग को विधायक निधि से मिली राशि वापस कर दी है। जबकि दूसरी तरफ विधायक चौहान ने जो राशि दी थी उस राशि का पत्र जारी किया है जिसमें खरीदी एजेंसी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को बनाने का स्पष्ट उल्लेख किया है। इस मामले में विधायक चौहान का कहना है कि इस मामले को वे विधानसभा तक लेकर जाएंगे। वहीं उनका कहना है कि ईश्वर के बाद दूसरा रूप डॉक्टर का होता है। इस संकट की घड़ी में उनसे जितनी और मदद होगी वे इसके लिए सदैव आगे रहेंगे। उल्लेखनीय है कि विधायक चौहान ने अपनी विधायक निधि से 17 लाख 20 हजार रुपए की राशि जिले के सभी सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों को दी थी।
मास्क 4 घंटे लायक, सैनिटाइजर अच्छे नहीं : विधायक
जो मास्क खरीदे हैं उसकी मियाद दो से 4 घंटे की है। सैनिटाइजर की क्वालिटी भी बहुत अच्छी नहीं है। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को अलग-अलग राशि दी थी और इसकी एजेंसी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को बनाने का उल्लेख राशि जारी करते समय पत्र में किया था। फिर किस हैसियत से सीएमएचओ द्वारा खुद एजेंसी बनकर खरीदी की गई। इस मुद्दे को यहीं नहीं छोडूंगा। गलत इल्जाम लगाया है तो जवाब देना पड़ेगा। विधानसभा में इस मामले को उठाऊंगा। इस संकट की घड़ी में ईश्वर के बाद डॉक्टर की दूसरे भगवान हैं। मैने डॉक्टरों के सम्मान में कोई गलत बात नहीं की। मैं डॉक्टरों के साथ पूरे चिकित्सीय स्टाफ का बहुत सम्मान करता हूं। लेकिन अगर मैं गलत हूं तो विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा और सीएमएचओ गलत निकले तो वे नौकरी से इस्तीफा देकर घर बैठें।
इन हालात में ऐसे आरोप से हताहत हूं: सीएमएचओ
विधायक जी ने अपनी विधायक निधि से जो 17 लाख 20 हजार रुपए दिए थे उसको मैं वापस कर रहा हूं। विधायक निधि के मुताबिक खरीदी के आर्डर दे दिए थे। लेकिन उन्होंने मीडिया और सोशल मीडिया पर जो वीडियो डलवाया उससे मैं हताहत हुआ हूं। जिन मास्क को वे घटिया बता रहे हैं वे सर्जिकल मास्क हैं जो मेडिकेटेड हैं। इनमें 95 प्रतिशत वायरस और बैक्टीरिया प्रवेश नहीं करेगा। जो सामान की खरीद हुई है उसका अभी भुगतान नहीं किया है। विधायक जी ने जो आरोप इस समय लगाए हैं, जब हम जी जान से लगे हुए हैं। इससे मानसिक पीड़ा पहुंची हैं इसीलिए उनकी विधायक निधि की राशि वापस कर रहा हूं। जब उनको विश्वास ही नहीं है तो वे दूसरी एजेंसी से खरीदी करवा सकते हैं। इस तरह के आरोप लगाने से डॉक्टरों का मनोबल गिरेगा।
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