जोधपुर से उन्हेल व तराना के लिए निकले मजदूरों को रतनगढ़ मे प्रशासन ने रोका तो वहां से रात के अंधेरे में भाग निकले। इनमें से कुछ मजदूर डीकेन पहुंचे। प्रशासन ने सामाजिक संगठनों की मदद से इनके भोजन व ठहरने की व्यवस्था की। रास्त में प्रशासन के अधिकारी 55 मजदूरों को सामुदायिक भवन में छोड़कर गए। रात में ये सभी वहां से भी भाग निकले। शनिवार सुबह ये पैदल-पैदल मनासा तहसील के पिपलियारावजी पहुंच गए।
पंचायत को मजदूरों के आने की जानकारी मिली तो इनके लिए दूध, चाय की व्यवस्था की। सभी को स्नान करवाया और ट्रैक्टर में बैठाकर मनासा मंडी लेकर आए। जहां सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इन मजदूरों ने बताया कि जैसलमेर की फतहगढ़ तहसील के डांगरी में मजदूरी करने गए 19 मजदूर वहा फंसे हुए थे। 18 दिन पहले पैदल-पैदल गांव के लिए निकले। रास्ते में 4 पिकअप वाले मिले। उन्होंने गांव तक पहुंचाने का भाड़ा तय करके सभी को बैठा लिया। रतनगढ़ पहुंचे तो पुलिस ने पिकअप रोककर जब्त कर ली। तराना के सुरेश बंजारा, हरिसिंह बंजारा ने बताया रतनगढ़ में 3 दिन रुके। वहां से डीकेन पहुंचे। प्रशासन ने भोजन व रात में ठहरने की व्यवस्था की। लेकिन रात में ही सभी साथी पैदल-पैदल निकल गए। रास्ते में गांव के लोगों से पानी मांगा तो किसी ने पानी नहीं पिलाया। गांव में भी नहीं घुसने दिया। जंगलों में होते हुए पिपलियारावजी पहुंचे। जहां पंचायत के सरपंच, सचिव ने हमारे व बच्चों के लिए मदद की।
उन्हेल के 45 मजदूर रात 10 बजे पहुंचे थे मनासा
उन्हेल के करीब 45 मजदूर बच्चो के साथ रात 10 बजे मनासा पहुंचे। चेकिंग पाइंट पर सभी को रोक कर जानकारी ली गई। प्रशासन द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई। एसडीएम एसआर सोलंकी ने स्वास्थ्य टीम को भेजकर सभी की स्क्रीनिंग करवाई। मजदूरो को रात में मंडी में ठहरने की व्यवस्था की। लेकिन यहां से सभी लोग बिना बताए चले गए।
मजदूरों को मंडी में रोका
शुक्रवार सुबह 9 बजे चित्तौड़गढ़ से पैदल आए 25 मजदूरों को प्रशासन ने मंडी में रोका। सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया। ये मजदूर भी आगर जिले के सुल्तानपुर गांव के निवासी है। जगदीश बंजारा व नैना बंजारा ने बताया चित्तौड़गढ़ से पैदल रहे है। रास्ते में जगह-जगह रोककर जांच की गई। रास्तेभर परेशानी का सामना करते हुए आए हैं। प्रशासन वाहन की व्यवस्था करके हमें गांव पहुंचा दें।
मंडी से रात में 45 मजदूर भाग गए
उन्हेल के 45 मजदूरों को रात में मंडी में रोका था। जो बिना बताए चले गए। इसके दिनभर में करीब 55 मजदूर और आए जिन्हें मंडी में रोककर स्वास्थ्य परीक्षण व भोजन की व्यवस्था की। शाम को बस से 33 मजदूरों को आगर-मालवा व 22 को तराना रवाना किया। जो मजदूर भाग गए उनके बारे में जानकारी निकाली जा रही है।
एसआर सोलंकी, एसडीएम मनासा
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