
कोरोना संकट काल में 1 जून से 69 दिन बाद ट्रेनों का सफर शुरू होगा, इसके साथ ही कृषि उपज मंडी में किसान उपज नीलाम कर सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में चार आधार केंद्र भी शुरू होंगे। रविवार को लॉकडाउन 4.0 खत्म हो रहा है। इसके साथ अब लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद भी है। आमजन को अनाज, किराना और अन्य जरूरी सामान भी मिलना मुश्किल हो रहा है। 69 दिन से बंद के कारण व्यापार-व्यवसाय और उद्योग-धंधों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है। अब जीवन पटरी पर लाने के लिए सभी को छूट और राहत की आस बंधी है।
शहर में जारी कर्फ्यू के बाद भी अब लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं। इसका कारण जरूरत का सामान नहीं मिलना है। सघन बसाहट वाले शहर में अनाज, किराना के साथ दूसरी जरूरत का सामान मोहल्लों की दुकानों पर नहीं मिल रहा है। क्योंकि उनके पास भी सामान खत्म हो चुका है। किराना की होम डिलीवरी भी मुश्किल हो गई है। इसलिए अब जरूरत का सामान जुटाने के लिए लोग घरों से निकल रहे हैं।
लोगों ने कहा- यहां रियायत मिलना जरूरी
उद्योग-धंधे - शहर के उद्योग नगर में 21 इकाईयां खोलने की अनुमति दी गई है। लेकिन इसे बढ़ाने की जरूरत है। शहर में अन्य बड़ी औद्योगिक इकाईयों को भी शर्तों के साथ खोला जाना जरूरी है, क्योंकि इनसे हजारों लोग जुड़े हैं। इस कारण एक बड़ा वर्ग तंगहाली झेल रहा है।
पावरलूम और कपड़ा उद्योग - शहर में मजदूर वर्ग का बड़ा हिस्सा सिर्फ पावरलूम पर निर्भर है। लेकिन यह दो महीने से पूरी तरह बंद है। पावरलूम भी शर्तों के साथ शुरू किए जाने की जरूरत है। साथ ही तैयार कपड़े का परिवहन, कच्चे माल के आयात की अनुमति दी जाना चाहिए।
आम आदमी की जरूरत- आम आदमी के लिए शहर में किराना, अनाज और राशन की दुकानों का खुलना जरूरी है। भले ही इसके लिए हर दिन निश्चित समय तय किया जाए। क्योंकि वर्तमान में मजदूर वर्ग के साथ मध्यम वर्ग भी जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण परेशान हो रहा है।
व्यवसाय - शहर में व्यवसायिक गतिविधियों को सशर्त शुरू किया जाना बहुत जरूरी हो गया है। हालात ऐसे हैं कि सभी को कोरोना के साथ ही जीना सीखना है। नागरिकों का कहना है ऐसे में पूरा शहर बंद रखकर इन हालात से नहीं निपटा जा सकता। शहर में बाजार बंद होने से व्यापारी ही नहीं आमजन भी परेशान हो चुके हैं।
पहली बार 29 दिन का कर्फ्यू
ऐसा पहली बार हुआ है जब शहर में 29 दिन तक कर्फ्यू जारी रहा हो और वह भी बिना किसी रियायत के। 2008 के सांप्रदायिक दंगे के बाद 21 दिन का कर्फ्यू लगा था। लेकिन 10 दिन बाद ही रियायत मिलने लगी थी। लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने पर 2 मई से लागू कर्फ्यू में अब तक कोई रियायत नहीं मिली है।
ग्रामीण क्षेत्र में 4 केंद्रों पर बनेंगे आधार कार्ड
ग्रामीण क्षेत्र में 4 आधार सेंटर शुरू होंगे। कलेक्टर ने शहरी क्षेत्र, मोहम्मदपुरा, जैनाबाद व एमार्गिद पंचायत को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में आधार सेंटर सशर्त संचालित करने के निर्देश दिए हैं। ई गवर्नेंस प्रबंधक मनोज मोहरे ने बताया सोमवार से लोक सेवा केंद्र खकनार, महिला एवं बाल विकास कार्यालय पुराना आईटीआई कॉलेज नेपानगर, शास. प्राथमिक स्कूल, सामुदायिक अस्पताल के सामने शाहपुर व नगर परिषद शाहपुर में आधार केंद्र संचालित होंगे। यहां कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी उपाय व निर्देशों का पालन करना होगा।
जिले के कंटेनमेंट क्षेत्रों में जरुरत का सामान मिलना हुआ मुश्किल
जिले में फिलहाल 74 कंटेनमेंट क्षेत्र हैं। इनमें से अधिकांश क्षेत्र एक महीने से सील किए हुए हैं। यहां अब लोगों में असंतोष पनपने लगा है। इसका कारण यह है कि कंटेनमेंट क्षेत्र में दूध, पानी और किराना जैसी जरुरत की वस्तुएं भी मिलना मुश्किल हो गई हैं। कंटेनमेंट क्षेत्र के लोगों ने कहा कि सरकारी सहायता ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। कंटेनमेंट क्षेत्र में जितने लोगों की सूची दी जाती है, उसका 30 प्रतिशत ही सरकारी सहायता के रूप में अनाज और खाद्यान्न पहुंचता है। इसको लेकर भी विवाद हो रहे हैं।
शहर के स्टेशन पर 10 ट्रेनों का होगा स्टॉपेज
1 जून से बुरहानपुर रेलवे स्टेशन पर 10 ट्रेन ठहरना शुरू होंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेनों में आरक्षण टिकट लेकर ही सफर किया जा सकेगा। उसमें भी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। रेड जोन से बुरहानपुर आने वाले यात्रियों को स्वास्थ्य की जांच कराना और प्रशासन को जानकारी देना भी अनिवार्य रहेगा। वहीं 1 जून से शहर की कृषि उपज मंडी में 50 किसान नीलामी में शामिल हो सकेंगे।
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