
नर्मदा विकास प्राधिकरण द्वारा खेतों तक पानी सप्लाई के लिए बनाई गई माइनर नहरों के बुरे हाल हैं। सिहोरा तहसील के गोसलपुर अंतर्गत बनी माइनर नहर जगह-जगह टूट चुकी है। मेंटीनेंस के अभाव में नहर में झाडिय़ां व बड़े पेड़ तक उग आए हैं। नहर टूटने से जहां निचले क्षेत्र में बसे किसानों को पानी नहीं मिल रहा है, वहीं अधिक पानी से किसानों की फसलें भी बर्बाद हो रही हैं। जिम्मेदारों को भी इसकी खबर है, लेकिन अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं।
जानकारी के अनुसार गोसलपुर अंतर्गत बनी नहर में मिट्टी जमने के कारण गहराई भी कम हो गई है। इससे निचले क्षेत्र में बसे किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। वहीं जगह-जगह नहर की प्लेटें भी उखड़ गई हैं। जुझारी ग्राम के कृषक प्रमोद यादव, श्याम सिंह, पंचम पटेल, गुलाब सिंह मरकाम ने बताया की नहर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार मरम्मत की मांग की जाती रही है, इसके बाद भी नहर की मरम्मत नहीं की गई।
यहां टूट गई नहर
जुझारी हाईवे के किनारे नहर पूरी तरह से टूट चुकी है। इसकी मरम्मत अभी तक नहीं की गई है। किसानों ने बताया कि यदि समय रहते मरम्मत नहीं की गई तो बारिश के समय किसानों को धान के लिए पानी नहीं मिल पाएगा। इसी प्रकार झांझा माइनर नहर का लेबल ठीक नहीं होने के कारण निचले क्षेत्र में किसानों को पानी नहीं मिल रहा है। किसानों का कहना है कि इस नहर को ग्राम पौड़ी से खजुरी तक लेबल ठीक करने के लिए खुदाई की आवश्यकता है।
14 गांव के सैकड़ों किसान तरस रहे पानी को
गांधीग्राममेंग्रीष्मकालीन कृषि करने वाले किसान इन दिनों पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। जलस्तर घटने के कारण बोर बंद हो रहे हैं, इससे किसानों ने नहर के द्वारा जलापूर्ति करने की मांग की है। किसानों ने बताया कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की नहर है। इसके माध्यम से करीब 14 गांव के किसानों को पानी दिया जा सकता है। गौरतबल है कि हजारों एकड़ में किसानों ने इस वर्ष उड़द और मूंग की फसल बोई है, जो पानी के अभाव में सूख रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3c40MF7
via IFTTT