फर्स्ट बटालियन में पदस्थ 23 साल की महिला आरक्षक प्रतिभा भदौरिया ने शनिवार सुबह घर में जहर खा लिया।अस्पताल में उसकी मौत हो गई। वह एमएससी टॉपर थी। पिता की मौत के बाद उसे अनुकंपा में आरक्षक की नौकरी मिली थी, जिससे वह संतुष्ट नहीं थी। उसका कहना था कि इतनी पढ़ाई के बाद ऐसी नौकरी मिली है। इसे लेकर परिजन भी उसे समझा चुके थे। पुलिस उसके मोबाइल फोन की जांच कर रही है। सदर बाजार थाने के एसआई ए. मार्को ने बताया कि प्रतिभा, प्रथम वाहिनी बटालियन के नर्मदा आवास में मां उर्मिला के साथ रहती थी। सुबह 8 बजे जब वह उल्टियां करने लगी तो मां ने देखा। फिर 15वीं बटालियन में पदस्थ दामाद संजय सिंह तोमर को सूचना दी। इस दौरान प्रतिभा ने मां को बताया कि उसने सल्फास खा लिया। पुलिस ने पोस्ट मॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया। परिजन ने बताया कि प्रतिभा फर्स्ट बटालियन के हॉस्पिटल वार्ड में पदस्थ थी। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। वह अकेलापन भी महसूस करती थी।
थाने में पुलिस की समझाइश के बाद घर लौटे दंपती, दो दिन बाद पत्नी ने लगा ली फांसी
दो दिन पहले विवाद के बाद पति-पत्नी थाने पहुंचे। पुलिस ने समझाया तो पत्नी पति की बाइक पर राजीखुशी घर गई, लेकिन दो दिन बाद फिर विवाद हुआ तो महिला ने शनिवार शाम 5 बजे फांसी लगा ली।
चंदन नगर पुलिस के अनुसार मृतका का नाम उषा नवरंग (31) था। वह बांक में पति राजेश और दो बेटों के साथ रहती थी। पति प्राइवेट जॉब करता है। परिजन ने पुलिस को बताया कि आए दिन किसी न किसी बात पर पति-पत्नी का विवाद होता रहता था। मायके वालों का कहना है कि शनिवार दोपहर बेटी का फोन आया कि पति उससे विवाद कर रहा है, मारपीट कर रहा है। इसके बाद पति पड़ोस में रहने वाले अपने बड़े भाई के घर जाकर सो गया। बच्चे बाहर खेल रहे थे, तभी उषा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। थोड़ी देर बाद बड़ा बेटा पीछे कमरे में पहुंचा तो मां फंदे पर लटकी दिखी।
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