लाॅकडाउन के दाैरान आर्थिक रूप से परेशान श्रमिकाें काे मनरेगा के तहत काम दिया ताे मजदूराें की परेशानी हल हुई। जिले में 46 हजार से ज्यादा मजदूरों को विभिन्न पंचायताें में काम मिला। घोड़ाडोंगरी ब्लाॅक में सबसे अधिक 7047 श्रमिकों को राेजगार मिला। जनपद पंचायत के अंतर्गत श्रमिकों को काम देने का प्रतिशत जिले के अन्य जनपद क्षेत्रों की तुलना में करीब 30 प्रतिशत से ज्यादा है। ब्लाॅक की 56 पंचायतों में 1 मई तक 7047 मजदूर जल संवर्धन औैर संरक्षण के कार्य कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या बढ़ेगी।
वहीं श्रमिकों को लगातार काम मिलने से उनके चेहरों पर मुस्कुराहट लौट रही है। लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित गरीब परिवार हुए हैं। मजदूराें के सामने परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई थी। पंचायतों में काम खुलने से कुछ हद तक अब तकलीफें दूर हो जाएंगी। जनपद सीईओ दानिश अहमद खान ने सभी श्रमिकों को उनके गांव में ही रोजगार के अवसर मिलें। इसके लिए हर पंचायत में पर्याप्त काम खुले गए हैं।
सबसे अधिक श्रमिक रतनपुर पंचायत में कार्यरत
ग्राम पंचायत रतनपुर में मनरेगा के तहत काम क्रियान्वित हैं। इनमें 357 श्रमिक कार्यरत हैं। उन्होंने बताया ब्लॉक में सबसे अधिक मजदूरों को इसी पंचायत में कार्य मिला है। इसके अलावा सभी पंचायतों में मजदूरों को कार्य मिल रहा है।
चिचोली में सबसे कम मजदूरों को मिला काम
बैतूल जिले के अंतर्गत चिचोली ब्लॉक में मनरेगा के तहत 2465 मजदूरों को काम मिला है, जो पूरे जिले में सबसे कम आंकड़ा है। मुलताई में 3697, भीमपुर में 3987, बैतूल में 4020, शाहपुर में 4253, प्रभातपट्टन में 4507, भैंसदेही में 5068, आठनेर में 5459 औैर आमला में 5965 श्रमिकों को पंचायतों में कार्य मिला है।
घोड़ाडोंगरी जनपद पंचायत का यह टीमवर्क है। इस कारण पूरे जिले में सबसे अधिक मजदूरों को काम मिला है। जनपद की टीम इसके लिए बधाई की पात्र है। हम यह चाहेंगे कि आगे और अच्छे परिणाम मिले
एमएल त्यागी, सीईओ, जिला पंचायत, बैतूल
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