कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका से घबराए वायुसेना की मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस में बतौर पाइप फिटर कार्यरत एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात डीडी नगर स्थित हिल व्यू काॅलाेनी के एक हाॅस्टल में हुई जहां युवक रहता था। उसे शुक्रवार को ही प्रशासन की टीम ने होम क्वारेंटाइन किया था लेकिन उसका कोरोना का सैंपल नहीं लिया गया और इसी से वह परेशान था। युवक ने सुसाइड नोट में लोगों द्वारा कोरोना को लेकर उसके मन में डर बैठाने की बात लिखी है। साथ ही लिखा है कि प्रशासन की टीम को सैंपल लेने के लिए कहा था लेकिन वे उसकी ट्रैवल हिस्ट्री मांग रहे थे जबकि वह ग्वालियर से बाहर कहीं नहीं गया।। युवक ने यह भी लिखा कि संक्रमण का पता चलते ही लोगों का नजरिया बदल जाता है।
सुसाइड नाेट- प्रशासन आैर स्वास्थ्य विभाग ने मेरे सपने बरबाद कर दिए
दिलीप ने सुसाइड नाेट में प्रशासन पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि कोरोना के टेस्ट के लिए प्रशासन को सिर्फ ट्रैवल्स हिस्ट्री चाहिए। अगर कोई शहर में ही रहते हुए संक्रमित हो गया हो तो क्या टेस्ट नहीं हो सकता। प्रशासन दिखावा कर रहा है। चाहे इंसान कितनी भी परेशानी हो। मुझे नहीं पता कि मुझे कोरोना है या नहीं लेकिन मैं किसी की आजादी अपनी वजह से नहीं छीन सकता। प्रशासन की सबसे बड़ी कमी है। सुसाइड नाेट में दिलीप ने अंतिम इच्छा के ताैर पर उसकी अस्थियों को उसके गुरु के आश्रम में बिखेरने के लिए लिखा है। ताकि वह अगला जन्म भी गुरु के आश्रम में ही ले सकेगा। दिलीप ने खुदकुशी के लिए अपनी मां और नानी से माफी भी मांगी। दिलीप ने काेराेना संक्रमित से हाेने वाले भेदभाव काे भी सुसाइड नाेट में लिखा है। उसके शब्द हैं कि किसी के संक्रमित हाेने के संदेह से ही लोगों का उस व्यक्ति के प्रति नजरिया बदल जाता है। दिलीप ने यह भी लिखा कि कोरोना को लेकर लोगों ने उसके मन मेंं बुरी तरह डर बैठा दिया था। मेरे भी बहुत सपने थे, लेकिन अब प्रशासन की कार्यप्रणाली से सब बर्बाद हो जाएगा। प्रशासन अपनी जिम्मेदारी माने और आगे ऐसा किसी के साथ न करे। मेरा यह कदम स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का नतीजा है भले ही इसे कोई माने या न माने।
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