कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण कई लोगों के सामने नौकरी का संकट पैदा हो गया है। राजधानी भोपाल में सैकड़ाें मजदूर और सिक्युरिटी गार्ड नौकरी से निकाले जाने के बाद रुपए नहीं होने के कारण घरों को वापस पैदल ही लौट रहे हैं।
नागपुर - बैतूल फोरलेन पर ऐसा ही एक नजारा मंगलवार दोपहर 3 बजे देखने को मिला, जब भोपाल से पैदल निकले महाराष्ट्र के दो मजदूर कोसमी ब्रिज पर घंटों तक वाहनों को हाथ दे-देकर लिफ्ट मांगते रहे लेकिन किसी वाहन ने उन्हें लिफ्ट नहीं दी। आखिरकार दोनों मजदूर लिफ्ट मांग-मांगकर जब परेशान हो गए तो पैदल ही महाराष्ट्र की ओर चल पड़े। बिरजू तिवारी और गजानंद महाकालकर ने बताया कि वे दोनों एक होटल में सिक्युरिटी गार्ड थे, लेकिन उन्हें पिछले दिनों हटा दिया। अब वे पैदल आने गांव बरडी जा रहे हैं। चार दिन पहले भोपाल से निकले थे। हालांकि भोपाल के थोड़ा आगे आते ही उन्हें लिफ्ट मिल गई। लिफ्ट लेकर वे होशंगाबाद तक आ पाए। होशंगाबाद से दो दिन पहले पैदल निकले तो अब खाने के रुपए भी खत्म होते जा रहे हैं। बहुत कम रुपए बचे हैं। देखते हैं महाराष्ट्र बार्डर तक जाने पर कोई इंतजाम हो जाए। इस मामले में कलेक्टर राकेश सिंह ने बताया मजदूरों को पहुंचाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। बाॅर्डर और अन्य जगहों पर इसके लिए अधिकारी तैनात किए हैं। ये मजदूरों को पहुंचाने की व्यवस्था बना रहे हैं।
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