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प्री मानसून गतिविधि व कोरोना संक्रमण के बीच देश-प्रदेश के साथ खरगोन के लोगों ने सोमवार से 70वें दिन अनलॉक 1.0 की तरफ कदम बढ़ाए। सुबह ठंडी हवा व बादलों के साथ बाजारों में जोरदार चहलकदमी हुई। सुबह 11 बजे आसमान में हलके बादलों के बीच सूर्य के चारों ओर एक अनोखा वलय देखने को मिला। भीकनगांव में भी ऐसी स्थिति बनी। बाद में तापमान बढ़ते ही चारों ओर का घेरा धीरे-धीरे सिमट गया। आसमान में सूर्य का यह दिलचस्प नजारा करीब एक घंटे तक रहा। सूर्य अपने भ्रमण में अनलॉक की तरफ बढ़ते हुए लोगों को संदेश दे रहा था कि मैंने अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहन लिया है। आप भी खुद सुरक्षा के साथ बाहर कदम बढ़ाएं। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क जैसी आदतें लॉक कीजिए, ताकि कोरोना से बचाव हो।
अनलॉक 1.0की तरफ कदमबढ़ाते लोगों को सूरज का संदेश- आपभी सुरक्षित कदम बढ़ाएं
5 दिनों में सूर्य का तेज
दिनांक अधि. न्यून.
गुरुवार 44.5 23.4
शुक्रवार 44.4 23.2
शनिवार 44.5 23.0
रविवार 44.0 22.8
सोमवार 44.0 22.4
(मौसम वेधशाला के मुताबिक)
क्यों हुआ ऐसा ? धूल के कणों का नमी से संपर्क होने से बना वलय
विज्ञान व्याख्याता मनीष गुप्ता बताते हैं जब वातावरण में धूल के अति सूक्ष्म कणों की मात्रा अधिक हो जाती है तो उसका संपर्क नमी से हो जाता है। सूर्य की किरणों के टकराने पर धूल कण के संपर्क में आने वाली नमी किरणों को बिखराकर एक इंद्रधनुष का घेरा बनाती है। जिससे सूर्य की रोशनी का रिफ्लेक्शन चेंज होता है और यह प्रक्रिया हमें गोल घेरे के रूप में दिखाई देती है। मौसम वैज्ञानिक डॉ जीडी मिश्रा के अनुसार यह एक इंद्रधनुष था। जब आसमान में सूर्य के रहते धूल और पानी के कण साथ होते हैं तो इंद्रधनुष बनता है।
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