शहर और गांवों में एक बार फिर अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। दोपहर में एकाएक आसमान में बादल छाए और आंधी तूफान गरज चमक के साथ झमाझम बरसे। पटनाबुजुर्ग, समनापुर समेत अनेक गांवों में छोटे आकार के ओले गिरे।
अचानक मौसम का मिजाज बदलने से किसान सकते में है। कई किसानों को वैशाख माह में इस तरह की अचानक बारिश होने का अनुमान नहीं था, जिससे खेत खलिहानों में अनाज और अन्य कृषि से संबंधित सामान बाहर पड़ा था। कुछ उन्नत किसानों को कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से मौसम के बारे में जानकारी ली तो थी लेकिन संसाधन के अभाव में उनकी भी उपज कमोवेश खलिहानों में ही रखी रही, जो बारिश होने से भीग गई। बारिश से उपजी समस्याओं से किसानों में जमकर आक्रोश है। किसानों का कहना है कि खेत में फसल कटाई और थ्रेसिंग एक पखवाड़े पहले हो चुकी। लेकिन मैसेज न आने की वजह से उपार्जन केन्द्रों पर ले जाने के इंतजार में खलिहानों में ही रखी है। इसी वजह से लेट लतीफी हो रही है। अब अचानक बारिश हो गई जिससे अनाज के बोरे समेत कृषि का अन्य सामान भीग गया। समनापुर गांव के किसान शिवराज सिंह ने बताया खरीदी केन्द्रों से मैसेज नहीं आया। उसी के इंतजार में खलिहान में अनाज रखा है बारिश से नुकसान हो रहा है। किसानों ने मांग की है कि मैसेज भेजकर खरीदी की रफ्तार बढ़ाई जाए और जैसी उपज है वैसी ही खरीदी जाए।
एफएक्यू क्वालिटी घटने की संभावना
उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं और चना एफएक्यू क्वालिटी की खरीदी होती है। जिसके निर्धारित मापदंड है। मापदंडों में अनाज में कचरा, नमी इत्यादि शामिल है। बारिश होने से खलिहानों में रखा अनाज भीग गया जिससे क्वालिटी में कमी आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
खरीदी केन्द्रों पर अफरा तफरी
अचानक हुई बेमौसम बारिश से उपार्जन केन्द्रों पर अफरा तफरी मच गई। कृषि उपज मंडी परिसर में टीन शेड के बाहर भी अनाज की बोरियां रखी थीं जो भीग गईं। बोरियां भीगने से तय मानकों में कमी आ सकती है। वेयरहाउस में स्टाॅक करने पर अनाज के दाने खराब होने की संभावना रह सकती है। इसके अलावा किसानों ने ट्राॅलियों को बरसाती से ढंककर बोरियों को सुरक्षित करने का प्रयास किया।
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