निसर्ग तूफान का असर शहर में शुरू हो चुका है। बुधवार शाम तेज हवाओं के बाद रात से बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार को दिनभर में 10 सेमी (लगभग 4 इंच) पानी बरस सकता है। बिजली गिरने का खतरा भी बहुत ज्यादा रहेगा। हवा भी 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इंदौर के साथ-साथ उज्जैन, भोपाल में भी इस तूफान का असर रहेगा।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार सुबह 11 से दोपहर 1 बजे के बीच तूफान का संभावित असर इंदौर में दिख सकता है। तेज हवा और बारिश की आशंका के मद्देनजर सांसद शंकर लालवानी व कलेक्टर ने सभी नागरिकों से घरों में ही रहने की अपील की है। बिजली विभाग काे भी अलर्ट रहने के लिए कहा है। कलेक्टोरेट में तूफान की तैयारियों को लेकर बुधवार को सांसद और कलेक्टर ने बैठक भी ली। आपदा की स्थिति पैदा होने की दशा में नगर निगम में कंट्रोल रूम बनाया गया है। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने सभी आठों जिले के कलेक्टर को पत्र जारी किए हैं। इसमें ज्यादा से ज्यादा गेहूं को वेअर हाउस में रखवाने का उल्लेख किया है।
जून की बारिश का आधा कोटा पूरा हो सकता है
जून में औसत बारिश के 7 दिन माने जाते हैं। कुल 6 इंच बारिश इस महीने में होती है। गुरुवार को लगातार बारिश हुई तो आधा कोटा एक ही दिन में पूरा हो जाएगा। इसके बाद भी प्री-मानसून सक्रिय रहेगा। पिछले साल कुल 53 इंच पानी गिरा, लेकिन जून में 5 इंच ही बारिश हुई थी।
8 साल बाद इतनी जल्द प्री-मानसून गतिविधि
2012 में मानसून 3 जून को ही सेट हो गया था। मई खत्म होने तक 5 इंच पानी गिर चुका था। लिहाजा मानसून घोषित करना पड़ा था। 8 साल बाद अब ऐसा अवसर आया है, जब जून के पहले दिन से ही प्री-मानसूनी गतिविधि शुरू हो गई। लेकिन सक्रिय मानसून 22 जून तक आएगा।
40 साल बाद दिखेगा तूफान का ऐसा असर
मौसम विशेषज्ञ अजयकुमार शुक्ला के मुताबिक 1980 में इस तरह का तूफान आया था। महाराष्ट्र में टकराने के बाद इंदौर, भोपाल, जबलपुर पर इसका असर हुआ था। हालांकि 2008-09, 2016-17 में भी गुजरात की तरफ से तूफान आने की चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन इसके भटक जाने की वजह इंदौर, भोपाल बेअसर रहे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2AAMRcQ
via IFTTT