पूजा पाठ कर गढ़ा हुआ धन निकाले और रकम दाेगुनी करने का झांसा देकर 8 लाख रुपए की ठगी करने वाले आराेपी काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने मकराेनिया निवासी सेना के एक रिटायर्ड कैप्टन काे उनके ड्राइवर की मदद से ठगा था। जिले में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। एसपी अमित सांघी ने बताया कि जालसाजाें से पूछताछ में कुछ और खुलासे हाेने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार 8 जून 2020 को प्रभाकरनगर निवासी रिटायर कैप्टन रमाकांत द्विवेदी ने मकरोनिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रामगोपाल आठिया उर्फ संतोष आठिया निवासी रहली उनका ड्रायवर था। उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर गढ़ा हुआ धन निकालने एवं पूजा पाठ कर राशि दुगना करने के नाम पर उससे 8 लाख की ठगी की है।
पुलिस ने आराेपियाें के खिलाफ धारा 420,120-बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। एसपी सांघी ने एडिशनल एसपी प्रवीण भूरिया के निर्देशन में मकराेनिया सीएसपी पूजा शर्मा के नेतृत्व में एक टीम गठित की। पुलिस ने रामगाेपाल आठिया के बारे में जानकारी ली ताे वह ग्राम चांदपुर रहली का रहने वाला बताया गया। इसी दौरान पुलिस काे मुखबिर से सूचना मिली कि रामगाेपाल वर्तमान में जबलपुर में रह रहा है। टीम उसकी तलाश में निकली और बेलबाग जबलपुर से उसे हिरासत में ले लिया।
रामगोपाल ने इकराम को बाबा के रूप में मिलाया था रिटायर्ड कैप्टन से
मकराेनिया टीआई उपमा सिंह ने बताया कि रामगाेपाल ने पूछताछ में रहली निवासी इकराम खान के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर 8 लाख रुपए ऐंठनेकी बात कबूल कर ली है। अंधविश्वास के चलते इस तरह की ठगी का मामला सामने आया है। द्विवेदी के ड्राइवर रामगाेपाल ने इकराम काे बाबा राधिका गौतम निवासी भेडाघाट आश्रम जबलपुर के रूप में मिलवाया था। इकराम पुलिस के हाथ नहीं आ सका। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। ठगी की रकम में से 40 हजार रुपए नगद, ठगी की रकम से खरीदी गई एक पल्सर बाइक, एक मोबाइल जब्त किया है। आराेपी ने शेष राशि खर्च करना बताया है। टीम में निरीक्षक उपमा सिंह के अलावा एसआई विवेक शर्मा, आरक्षक सुशील चौहान, ब्रजेश विश्वकर्मा, लवकुश रघुवंशी व दिनेश शामिल थे।
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