केन्ट बोर्ड में एक पार्षद द्वारा किए गए अवैध निर्माण को लेकर चल रही जाँच में अब एक नया मोड़ आ गया है। जाँच के लिए बनी समिति से पिछले दिनों पार्षद अजय पदम ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद महिला पार्षद कविता अमरचंद वाबरिया को सदस्य बनाया गया था। सोमवार को बैठक आयोजित की गई और दस्तावेजों की जाँच के दौरान यह मामला और उलझ गया कि पार्षद अजय पदम ने जो इस्तीफा दिया था वह कविता वाबरिया के लैटर पैड पर है जबकि कविता के लैटर पैड पिछले दिनों चोरी गए थे और उन्होंने इसकी शिकायत बोर्ड के साथ ही केेन्ट थाने में भी की थी।
जाँच समिति से अजय पदम के इस्तीफे के बाद 10 जुलाई को कविता अमरचंद वाबरिया को सदस्य नियुक्त किया गया था और बैठक में वे उपस्थित हुईं। दस्तावेजों की जाँच के दौरान जब पार्षद अजय पदम के इस्तीफे पर नजर गई तो पता चला कि इस्तीफा कविता वाबरिया के लैटर पैड पर है। श्रीमती वाबरिया का कहना है किउनके लैटर पैड पिछले माह चोरी गए थे और कोई उनका दुरुपयोग न करे इसके लिए उन्होंने सीईओ और केन्ट थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी। आज जब अजय पदम का इस्तीफा अपने लैटर पैड पर देखा तो फिर से इसकी जानकारी केन्ट बोर्ड, पुलिस आदि को दी है ताकि मामले की जाँच हो। इस मामले में केन्ट बोर्ड उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे का कहना है किइस मामले में जाँच के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर यह माजरा क्या है।
केन्ट बोर्ड छपवाकर देता है लैटर पैड
इस मामले में पार्षद अजय पदम का कहना है किहमें लैटर पैड केन्ट बोर्ड छपवाकर देता है, मेरे पास जो लैटर पैड थे वो भी बोर्ड से ही मिले थे। मैंने अपना इस्तीफा दिया है और वह भी सीईओ से मिलकर दिया है। तब न तो मेरी नजर लैटर पैड पर गई न सीईओ की और न ही रिसीव करने वाले कर्मचारी की। इसमें कोई साजिश नहीं केवल भूल है।
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