सुनहरे उल्लू व दो मुंहे सांप की तस्करी में 20 जुलाई को पकड़े गए दस सदस्यीय गिरोह की बुधवार को तीसरी बार जमानत निरस्त हो गई। वन विभाग ने इसे गंभीर मामला माना और आपत्ति लगाई, जिसके चलते आरोपियों को जमानत नहीं मिल पा रही है। राजगढ़ व इंदौर निवासी तस्करों में चार महिलाएं भी हैं और मुख्य सरगना मुकेश श्रीवास्तव निवासी राजगढ़
खुद वनकर्मी का भाई है, जबकि आरोपियों में शामिल एक महिला भी पूर्व डिप्टी रैंजर की बेटी है। इसलिए वन्यप्राणियों की तस्करी को गंभीर मानते हुए जांच कराई जा रही है। प्रकरण में
अपर सत्र न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी ने आरोपियों की जमानत के लिए दायर किए आवेदन को निरस्त कर दिया। उप संचालक अभियोजन
डॉ. साकेत व्यास ने बताया महानिदेशक संचालक लोक अभियोजन मप्र पुरुषोत्तम शर्मा के विशेष आदेश से राज्य सरकार समन्वयक सुधा विजयसिंह भदौरिया द्वारा सशक्त पैरवी के चलते ही जमानत निरस्त हुई। भदौरिया ने भोपाल से वीडियाे कान्फ्रेसिंग की गई थी।
इधर डीएफओ किरण बिसेन ने बताया सुनहरे उल्लू व सांप को जंगल में छुड़वा दिया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/30TRNmw
via IFTTT