मांडू राेड पर लाइन शिफ्टिंग में लगे मजदूराें के पास सुरक्षा साधन के नाम पर सिर्फ सेफ्टी बेल्ट हैं। बाकी संसाधन नहीं हैं। जिस पाेल पर मजदूर काम कर रहे हैं। इसकी ऊंचाई लगभग 50 फीट है। इतनी ऊंचाई पर बगैर सुरक्षा साधन के काम करना इनके लिए जानलेवा हाे सकता है। ऊपर से पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी ये कहकर इतिश्री कर रहे हैं कि इनके पास सुरक्षा साधन ताे हैं, लेकिन मजदूर पहनते नहीं हैं।
एसई अाॅफिस के पीछे स्थित 220 केवी ग्रिड से जिला अस्पताल तक 33 केवी लाइन शिफ्ट की जा रही है। इसके लिए जिला अस्पताल में अलग से सब स्टेशन बनाया जा रहा है। जहां 33/420 केवी का ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है। लाइन शिफ्ट हाेने के बाद जिला अस्पताल में चाैबीस घंटे बिजली मिलेगी। अभी शहर में बिजली कटाैती के दाैरान जिला अस्पताल की भी लाइट बंद हाे जाती है। जिससे अस्पताल का काम प्रभावित हाेता है।
नियम ये: कार्रवाई का है प्रावधान
ऊंचाई पर काम करने वाले मजदूराें के पास हाथ के दस्ताने, हेलमेट, सेफ्टी बेल्ट, सेफ्टी किट हाेना जरूरी है। यह ठेका कंपनी काे मुहैया कराना हाेता है। अगर ठेका एजेंसी मजदूराें काे सुरक्षा संसाधन मुहैया नहीं कराती है ताे संबंधित पर कार्रवाई कर उसे ब्लैक लिस्टेड किया जा सकता है। शिफ्टिंग का काम कर रहे मजदूराें का ठेका इंदाैर की किसी एजेंसी के पास है।
इस बारे में ठेकेदार से चर्चा करुंगा
कार्य का अवलाेकन करने जाने पर मजदूर हमें सुरक्षा साधन के साथ मिलते हैं। अापने मजदूरांे के बिना सुरक्षा साधन के काम करने की बात बताई है। इस बारे में ठेकेदार से बात करूंगा। ऊंचाई पर काम करने वाले मजदूराें काे सुरक्षा किट का उपयाेग सख्ती से कराया जाएगा। मैं भी माैके पर जाकर स्थिति देखता रहूंगा ।
प्रदीप भटाेरे, सब इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी विभाग,
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