रविवार रात आई बारिश और आंधी ने दो गांवों में मक्का फसल बर्बाद कर दी है। करीब दो दर्जन किसानों की 100 एकड़ में लगी मक्का जमीन पर बिछ गई है। किसानों ने पटवारियों व कृषि विस्तार अधिकारी को सूचना दी, लेकिन मंगलवार शाम तक भी कोई झांकने नहीं आया। किसान अब कलेक्टर के समक्ष गुहार लगाने जाएंगे।
ग्राम पाडल्या व झिरन्या में किसानों का बड़ा नुकसान हुआ है। पाडल्या के सुरेश कोरकू ने बताया चार एकड़ में मक्का लगाई थी। फसल अच्छी लगी थी, लेकिन रविवार रात आई बारिश-आंधी ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। गांव के विपिन राठौर, राजू राठौर, अशोक राठौर, शब्बू कोरकू के खेतों में भी फसल को नुकसान पहुंचा है। प्रभावित किसानों ने बताया हमने सोमवार सुबह ही पटवारी व कृषि विस्तार अधिकारी को फोन पर फोटो भेजकर सूचना भी दे दी थी, लेकिन दो दिन बाद भी कोई नुकसान का आकलन करने नहीं आया है। कई बार कॉल करने के बाद पटवारी मणिशंकर लौवंशी ने रिसीव किया और कहा मुझे मामले की जानकारी मिल गई है।
जल्द दिखवाता हूं। झिरन्या के किसान किशन, सुंदरलाल, नेहरू पटेल, सुकलाल आदि ने बताया मक्का की पूरी फसल बर्बाद हो गई है। ऐसे में शासन ने मदद नहीं की तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी। झिरन्या के पटवारी ज्ञानसिंह खरते ने बताया ग्रामीणों का फोन आया था। उन्होंने फोटो भी डाले थे, लेकिन रक्षाबंधन के कारण नहीं जा सका। बुधवार सुबह 9 बजे गांव पहुंच जाऊंगा।
कृषि अधिकारी भर्ती हैं
दोनों गांवों के कृषि अधिकारी कालूराम कोचले को लकवा हो गया है। वे अस्पताल में भर्ती हैं। एक-दो दिन में किसी को भिजवाते हैं। तहसीलदार को भी बता देता हूं।
-गणेश रनसौरे, एसडीओ, कृषि
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