प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दो माह से मरीजों की तमाम तरह की जांच नहीं हो पा रही है। इस वजह से मरीजों को जांच के लिए सिविल अस्पताल में जाना पड़ता है। ऐसा अस्पताल में पदस्थ लैब टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से हो रहा है।
दो माह का समय गुजरने के बाद भी यहां लैब टैक्नीशियन को पदस्थ नहीं किया गया है। सबसे अधिक परेशानी प्रसूताओं को होती है।
दरअसल कस्बे सहित आस पास के 20 से ज्यादा गांव के ग्रामीण कस्बे के एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच न होने से परेशान हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ लैब टेक्नीशियन पुरुषोत्तम उपाध्याय का भितरवार अस्पताल में स्थानांतरण होने के बाद से ही लैब पर ताला लगा हुआ है। सबसे अधिक परेशानी प्रसूताओं को होती है, क्योंकि प्रसव से पहले प्रसूताओं की खून सहित अन्य जरूरी जांच होना अनिवार्य होता है। ऐसे में प्रसूताओं को जांच के लिए डबरा अस्पताल जाना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की 16 तरह की जांच होती है।
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